‘जमानत मिलने के अगले ही दिन बने मंत्री’ सेंथिल बालाजी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
Suprime Court: उच्चतम न्यायालय ने कैश फॉर जॉब से सम्बंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत मिलने के कुछ दिनों बाद द्रमुक नेता वी. सेंथिल बालाजी को तमिलनाडु सरकार में मंत्री बनाये जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए सोमवार को मामले में गवाहों पर ‘‘दबाव’’ डालने की आशंका जताने वाली याचिका पर सुनवाई करने को लेकर सहमति व्यक्त की।
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने बालाजी को जमानत देने के सुप्रीम कोर्ट के 26 सितंबर के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
पीठ ने बालाजी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी से पूछा, ‘‘हमने आपको जमानत दे दी और कुछ दिनों बाद आप मंत्री बन गए। कोई भी यह सोच सकता है कि अब जब आप वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री हैं, तो गवाहों पर दबाव होगा। यह क्या हो रहा है?’’
सेंथिल बालाजी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
बालाजी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी अदालत में पेश हुए। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि, ‘हमने आपको जमानत दी और कुछ दिनों बाद आप मंत्री बन गए। कोई भी व्यक्ति ये सोच सकता है कि अब वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री के रूप में गवाहों पर दबाव होगा। ये क्या हो रहा है?’ न्यायमूर्ति ओका ने आगे कहा कि अदालत जमानत के फैसले पर कोई नोटिस जारी नहीं करेगी, लेकिन इस पर सुनवाई होगी कि क्या अब गवाहों पर दबाव होगा।
मामले पर 13 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 13 दिसंबर को तय की है, जबकि उसने अपने पहले के फैसले में हस्तक्षेप करने से परहेज किया है. बता दें कि 29 सितंबर को बालाजी ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के मंत्रिमंडल में बिजली, गैर-पारंपरिक ऊर्जा और आबकारी विभागों का प्रभार संभालते हुए मंत्री के रूप में शपथ ली.
इससे पहले 26 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के पूर्व मंत्री और डीएमके के कद्दावर नेता सेंथिल बालाजी को नौकरी के बदले कैश घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में जमानत देते हुए कहा था कि यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत शीघ्र सुनवाई के उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन होगा.
यह भी पढ़ें…
IPS हर्षवर्धन का सड़क दुर्घटना में मौत…पहली पोस्टिंग में जाने के दौरान कर्नाटक में हुआ हादसा
हिंसा, लूट और ताबड़तोड़ हत्याएं…मणिपुर सीएम ने बताई आतंकी हमले की दास्तां
बीच सड़क पर चल रहे थे लात-घूंसे, तभी आ गई एंबुलेंस; फिर जो हुआ…