श्रद्धा मर्डर केस में पुलिस की लापरवाही
श्रद्धा मर्डर केस में पुलिस की लापरवाही से जुड़ी जानकारी सामने आई है| श्रद्धा के एक कजिन ने दावा किया है कि वो लोग अगस्त में श्रद्धा के लापता होने की शिकायत दर्ज कराने मुंबई स्थित वसई के मानिकपुर पुलिस स्टेशन गए थे| परिवार का मानना है कि शिकायत दर्ज होने में हुई देरी के चलते आरोपी आफताब को सबूत मिटाने के लिए ज्यादा समय मिल गया था |
श्रद्धा के भाई ने बताया, ‘अगस्त में पुलिस को गुमशुदगी की रिपोर्ट दी गयी थी, पुलिस ने कहा था ‘जाओ वो आ जाएगी’|
आरोप है कि तब पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया और उन्हें वापस भेज दिया| परिवार के मुताबिक, दो महीने बाद जाकर शिकायत दर्ज की गई जिसके चलते आफताब को सबूत मिटाने के लिए ज्यादा समय मिल गया था |
सूत्रों के मुताबिक केस की जांच के सिलसिले में सोमवार, 28 नवंबर को दिल्ली पुलिस ने श्रद्धा के परिवार का बयान दर्ज किया| इस दौरान श्रद्धा के रिश्तेदार ने पुलिस को बताया-
हम 15 अगस्त को मानिकपुर थाने में गुमशुदगी की शिकायत लेकर गए थे, लेकिन हमें लौटा दिया गया था | एक पुलिस वाले ने हमसे कहा वो वापस आ जाएगी | जब हमने उच्च अधिकारियों से संपर्क किया तब जाकर दो महीने बाद 12 अक्टूबर को पुलिस ने श्रद्धा की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज की थी |
घरवालों का आरोप है कि 12 अक्टूबर को गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करने के बाद भी मानिकपुर पुलिस ने कार्रवाई में देरी की. परिवार का सोचना है कि देरी के चलते आरोपी आफताब को सबूत मिटाने के लिए ज्यादा समय मिला गया| रिपोर्ट के मुताबिक, श्रद्धा के घरवालों ने इस मामले को लेकर महाराष्ट्र सरकार में शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया है| वे मानिकपुर पुलिस में शामिल उन पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं जिन्होंने अगस्त में रिपोर्ट दर्ज करने से मना कर दिया था|
इस जानकारी पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि-
हम जल्द ही पता लगाएंगे कि श्रद्धा के पिता की शिकायत 15 अगस्त को क्यों नहीं दर्ज की गई|
इससे पहले श्रद्धा का 2020 में लिखा एक पत्र भी सामने आया था| उसमें दावा किया गया था कि आफताब ने उसे जान से मारने और उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े करने की धमकी दी थी| उस लेटर को लेकर भी CM फडणवीस ने तुलिंज पुलिस स्टेशन की कथित लापरवाही को लेकर जांच का आदेश दिया था|
आरोप है कि आफताब ने मई में अपनी लिव इन पार्टनर श्रद्धा की गला दबाकर हत्या की और फिर उसकी लाश के बर्बरता से टुकड़े कर दिए और टुकड़ों को फ्रिज में रखकर कई दिन तक धीरे-धीरे ठिकाने लगाता रहा|