
किसान आंदोलन का 35वां दिन: सरकार के साथ किसानों की सातवें दौर की बैठक आज

नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसान आंदोलन का आज 35वां दिन है। आज सबकी निगाहें किसान नेताओं और सरकार के बीच होने वाली सातवें दौर की बैठक पर टिकी हैं। बैठक की सफलता और असफलता पर ही इस आंदोलन का भविष्य टिका है।
दूसरी तरफ दिल्ली की जिन सीमाओं पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं वहां उनके समर्थकों का जमावड़ा बढ़ता ही जा रहा है। अब इस आंदोलन की लहर बिहार भी पहुंच चुकी है जहां से किसी तरह के प्रदर्शन की बात अब तक सामने नहीं आ रही थी।
बिना कानून वापस लिए नहीं बनेगी बातः राकेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बुधवार को सरकार के साथ होने वाली बैठक से पहले कहा कि, सरकार कानून वापस नहीं लेगी तो प्रदर्शन खत्म नहीं होगा। सरकार को कानून वापस लेना ही पड़ेगा। संशोधन पर बात नहीं बनेगी।
राकेश टिकैत ने ये भी कहा कि देश में मजबूत विपक्ष का होना बहुत जरूरी है जिससे सरकार डरे लेकिन यहां पर ऐसा नहीं है। यही कारण है कि किसानों को सड़क पर उतरना पड़ा है। विपक्ष को टेंटों में बैठकर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करना चाहिए।
मुझे नहीं लगता आज भी बैठक से निकलेगा कोई हलः सुखविंदर सिंह सबरा
किसान मजदूर संघर्ष समिति के संयुक्त सचिव सुखविंदर सिंह सबरा ने कहा कि सरकार और किसानों के बीच पांच दौर की वार्ता विफल हो चुकी है। मुझे नहीं लगता कि हमारी आज की बैठक में भी कोई हल निकलेगा। तीनों कृषि कानूनों को खत्म किया जाना चाहिए।