छात्रों के लिए 12वीं की परीक्षा 10वीं से ज्यादा जरूरी: महाराष्ट्र सरकार

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नई दिल्ली। महाराष्ट्र सरकार का मानना है कि छात्र-छात्राओं के कैरियर के लिए कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाएं कक्षा 10 की परीक्षाओं की अपेक्षा अधिक महत्वपूर्ण हैं। राज्य सरकार ने यह बात बॉम्बे हाई कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका पर प्रतिक्रिया स्वरुप दाखिल एफिडेविट के माध्यम से कही।

राज्य सरकार के एफिडेविट के अनुसार एसएससी और एचएससी परीक्षाओं की एक-दूसरे से तुलना नहीं की जा सकती है। सरकार ने उच्च न्यायालय को सूचित किया कि वर्ष 2021 की एसएससी परीक्षाओं को कोविड-19 महामारी के चलते रद्द किया गया है।

महाराष्ट्र बोर्ड 10वीं की परीक्षाओं को छात्रों, शिक्षकों और अन्य स्टेकहोल्डर्स की महामारी से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया है।

राज्य सरकार की तरफ से बॉम्बे हाई कोर्ट में एफिडेविट राज्य स्कूल शिक्षा एवं खेल विभाग के उप-सचिव राजेंद्र पवार द्वारा सबमिट किया गया। बता दें कि बॉम्बे उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आगाह किया था कि उनके द्वारा शिक्षा व्यवस्था का मजाक उड़ाया जा रहा है।

महाराष्ट्र सरकार ने अपने एफिडेविट में न्यायालय को सूचित किया कि एचएससी या 12वीं की परीक्षाएं फिलहाल स्थगित हैं। इन परीक्षाओं के आयोजन पर केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय बोर्ड की लंबित 12वीं की परीक्षाओं के निर्णय के अनुसार फैसला किया जाएगा।

राज्य सरकार की तरफ से यह जानकारी न्यायालय के उस प्रश्न के जवाब में दी गयी जिसमें न्यायालय द्वारा पूछा गया था कि कक्षा 12 की परीक्षाओं का आयोजन क्यों नहीं किया जा रहा है। एफिडेविट में कहा गया है कि इस शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए राज्य सरकार द्वारा मूल्यांकन के लिए नई पद्धति बनायी गयी है।

परीक्षाओं को लेकर दायर जन हित याचिका पर आज, 1 जून 2021 को अगली सुनवाई होनी संभावित है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा 12वीं की लंबित बोर्ड परीक्षाओं पर निर्णय जल्द ही लिये जाने की उम्मीद है।

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