टेक्सटाइल के क्षेत्र में उप्र भर रहा नई उड़ान, चार वर्षों में मिले 8715.16 करोड़ के प्रस्ताव
लखनऊ। उप्र सरकार की इन्वेस्टर फ्रेण्डली नीतियां टेक्सटाइल इंडस्ट्री के बड़े कारोबारियों को भा रही हैं। बीते चार वर्षों में देश के बड़े-बड़े उद्योगपतियों का इस सेक्टर में 8715.16 करोड़ रुपए का निवेश करना यही दर्शाता रहा है। इस निवेश से राज्य में 66 टेक्सटाइल फैक्ट्री लगाने की कार्रवाई चल रही हैं।
इन 66 टेक्सटाइल फैक्ट्रियों में 5,25,087 लोगों को रोजगार मिलेगा। प्रदेश सरकार के प्रयासों से अब तक 66 में से 12 टेक्सटाइल फैक्ट्री राज्य में लग गई हैं और 18 टेक्सटाइल फैक्ट्रियों के निर्माण का कार्य चल रहा है। इसी साल इन 18 टेक्सटाइल फैक्ट्रियों में भी उत्पादन शुरू किए जाने का लक्ष्य है।
जबकि 17 टेक्सटाइल फैक्ट्रियों की स्थापना के लिए इस वर्ष निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है। अगले वर्ष से इन 17 फैक्ट्रियों में भी उत्पादन शुरू होने का दावा किया जा रहा है।
यूपी के इतिहास में यह पहला मौका है जब टेक्सटाइल सेक्टर में बड़े बड़े उद्योगपतियों ने इतना भारी निवेश कर अपनी फैक्ट्री लगाने की पहल की है। चार वर्ष पूर्व इस सेक्टर में बड़े उद्योगपति निवेश करने से परेहज कर रहे थे।
तब बड़े उद्योगपतियों के लिए उत्तर प्रदेश भय, दहशत और आशंकाओं का पर्याय था। राज्य में व्याप्त गुंडागर्दी और लालफीताशाही के चलते बड़े-बड़े उद्योगपति यहां निवेश करने से घबराते थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी अगुवाई में इस माहौल को इन्वेस्टर फ्रेण्डली नीतियों को लाकर बदला। जिसके चलते पहले जो उद्योगपति यूपी में निवेश करने से घबराते थे, अब वही राज्य में करोड़ों रुपए की फैक्ट्रियां लगा रहे हैं।
बदले माहौल में देश तथा विदेश के बड़े उद्योगपति उत्तर प्रदेश को निवेश के लिए सबसे सुरक्षित जगह मान रहे हैं। यही वजह है कि देश और विदेश के बड़े बड़े नामी उद्योगपति टेक्सटाइल सेक्टर के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर, फूड प्रासेसिंग, इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग, रीयल एस्टेट, पावर तथा मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में बढ़चढ़ कर निवेश कर रहें हैं। टेक्सटाइल क्षेत्र निवेशकों के लिए सबसे पसंदीदा सेक्टर बनकर उभरा है।
टेक्सटाइल विभाग के अधिकारियों के अनुसार टेक्सटाइल के क्षेत्र में यूपी ने नई उड़ान भर रहा है। बीते चार वर्षों में इस सेक्टर में 66 कंपनियों ने 8715.16 करोड़ रुपए का निवेश करने की पहल की है।
इनमें से 12 टेक्सटाइल फैक्ट्रियों में उत्पादन शुरू हो गया है, इन फैक्ट्रियों के निर्माण में 645 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है और 2870 लोगों को रोजगार मिला है। इन फैक्ट्रियों की स्थापना से कानपुर टेक्सटाइल के बड़े हब के रूप में उभर रहा है।
कानपुर प्लास्टिपैक लिमिटेड ने कानपुर देहात में दो सौ करोड़ रुपए,आरपी पॉली पैक्स ने पाली बैग के उत्पादन के लिए रनिया में डेढ़ सौ करोड़ रुपए, जीएलकेके इंडस्ट्री ने रूमा कानपुर में फैब्रिक उत्पादन के लिए 25 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
इसी प्रकार सृष्टि इंडस्ट्री ने कानपुर देहात में निटिंग फैक्ट्री लगाई है। गैजेस अपैरल ने गारमेंट तथा अनिलिखा फैब्रिक ने होजरी क्लाथ फैक्टी कानपुर में लगाई है।
कानपुर के अलावा राजलक्ष्मी काटन मिल्स ने 50 करोड़ का निवेश कर नोयडा में रेडीमेड गारमेंट और कल्याणी इनरवियर ने गाजियाबाद में इनर गारमेंट की फैक्ट्री लगाई है।
टीटी लिमिटेड ने 50 करोड़ का निवेश कर अमरोहा में गारमेंट और सनविन टेक्सटाइल ने बदायूं में लेस फैब्रिक्स की फैक्टी लगाई है। शुद्ध प्लस हैजीन प्रोडक्ट ने 80 करोड़ का निवेश कर गोरखपुर में सैनेटरी नैपकिन की फैक्टी लगाई है। इस फैक्ट्री में 500 लोगों को रोजगार मिला है।
इसके अलावा जिंदल हैंडटेक्स गाजियाबाद में, गौरव इंटरनेशनल नोएडा में, वीवासिटी होम नोएडा में, युवी गारमेंट गाजियाबाद में राकेश इंटरनेशनल गाजियाबाद में, शिवापाली प्लास्ट जौनपुर में तयाल होजरी मिल्स कानपुर में तथा जय नारायण फैबटेक मेरठ में टेक्सटाइल फैक्ट्री लगा रहे हैं।
इस वर्ष के अंत तक इन फैक्ट्रियों का निर्माण कार्य पूरा होकर उत्पादन शुरू जाएगा। इसके अलावा टेक्सटाइल फैक्ट्री लगाने से संबंधित 28 निवेश प्रस्ताव ऐसे हैं जिनके निवेशकों ने फैक्ट्री लगाने को लेकर अभी जमीन लेने के लिए आवेदन नहीं किया है, ऐसे निवेशकों से विभाग से अधिकारी संपर्क में हैं।
अधिकारियों का कहना है कि जल्दी ही यह निवेशक भी अपनी फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन फाइनल कर देंगे। फिलहाल टेक्सटाइल सेक्टर राज्य में जल्दी ही नई ऊचाई हासिल करेगा क्योंकि प्रदेश सरकार की नीतियों ने इस सेक्टर को राज्य में अपने पैर जमाने में मदद मिल रही है।
यही वजह है कि राज्य में इस सेक्टर में निवेश करने के लिए बड़े -बड़े उद्योगपतियों ने रूचि दिखाई और पानी फैक्ट्री नही लगा दी और लगा रहें हैं।