
इस गणेश चतुर्थी पर बन रहा है 6 ग्रहों का संयोग, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी मनाते हैं। तदनुसार 10 सितंबर दिन शुक्रवार को विघ्नहर्ता भगवान गणेश का आगमन हो रहा है। इसी तिथि पर भगवान गणेश का जन्म हुआ था।
सनातन धर्म में गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व है। इसी दिन घरों और सार्वजनिक पंडालों में गणेशजी की मूर्ति स्थापित की जाती है। 19 सितंबर अनंत चतुर्दशी को गणेशजी विदा किए जाएंगे।
बन रहा है शुभ संयोग
10 सितंबर को दिनभर चतुर्थी तिथि है। इस बार गणेश चतुर्थी पर 6 ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है। इस बार बुध कन्या राशि में, शुक्र तुला राशि में, राहु वृषभ राशि में, शनि मकर राशि में, केतु वृश्चिक राशि और शनि मकर राशि में अपने श्रेष्ठ स्थिति में विद्यमान होंगे।
यह संयोग बहुत ही शुभ है। ऐसा मान सकते हैं कि महामारी के बाद से आई अस्थिरता दूर होगी और सभी परेशानियों से राहत मिलेगी।
रवि योग में होगा पूजन
गणेश चतुर्थी पर चित्रा व स्वाति नक्षत्र के साथ रवि योग का संयोग बन रहा है। इसीलिए इस बार रवि योग में पूजन होगा। इस शुभ योग में नया काम शुरू करना और गणपति की पूजा मंगलकारी है।
मध्याह्न काल में पूजा का शुभ मुहूर्त
गणेश चतुर्थी पर दोपहर के समय पूजा का शुभ मुहूर्त है। यह मुहूर्त सुबह 11.21 बजे से दोपहर 1.33 बजे तक है। इसके अलावा चतुर्थी तिथि रात 9.57 बजे तक होने के चलते दिनभर पूजा-अर्चना की जा सकती है।
चंद्र दर्शन है निषेध
मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन नहीं करना चाहिए। चंद्र दर्शन करने पर कलंक लगता है। साथ ही गणेश जी का पूजन करते समय तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाना चाहिए।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार तुलसी ने गणेश जी को गजमुख और लंबोदर कहते हुए विवाह का प्रस्ताव ठुकरा दिया था। इससे नाराज होकर गणेशजी ने शाप दिया था, तबसे उन्हें तुलसी पत्र नहीं चढ़ाया जाता है।