महंगाई: दो महीने में 13 फीसदी बढ़ा चीनी का दाम, कीमतें चार साल के शीर्ष पर
नई दिल्ली। तेजी से बढ़ती महंगाई ने आम आदमी का जीना मुहाल कर रखा है। रसोई की सबसे आवश्यक वस्तु चीनी के दाम घरेलू बाजार में दो महीने के भीतर 13 फीसदी बढ़ चुके हैं और वर्तमान कीमत चार साल के शीर्ष पर पहुंच गई है।
इससे चीनी मिलों को वैश्विक बाजार जितना मूल्य भारत में ही मिलने लगा है। घरेलू बाजार में चीनी के दाम बढ़ने से मिलों ने निर्यात के नए अनुबंधों पर फिलहाल रोक लगा दी है।
12 लाख टन चीनी का ही अनुबंध किया 2021-22 के लिए
सहकारी चीनी फैक्टरी राष्ट्रीय संघ के प्रबंधन निदेशक प्रकाश नायकनवारे ने बताया कि मिलों को स्थानीय बाजार में ही चीनी के बेहतर दाम मिल रहे हैं, जिससे निर्यात के नए अनुबंध फिलहाल नहीं किए जा रहे। वैश्विक बाजार में कीमतें और बढ़ने पर ही नए अनुबंधों पर विचार किया जाएगा।
1 अक्तूबर से शुरू हो रहे चीनी विपणन वर्ष 2021-22 के लिए अभी तक महज 12 लाख टन चीनी निर्यात का अनुबंध किया गया है।
उन्होंने कहा कि भारत से वैश्विक बाजार में कम चीनी भेजे जाने से दाम और बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि सबसे बड़ा उत्पादक ब्राजील इस साल कम चीनी निर्यात करेगा।
जल्द घटेंगे दाम
वैश्विक बाजार से जुड़े चीनी डीलरों का कहना है कि नए सत्र में घरेलू बाजार में चीनी के दाम नीचे आएंगे। मिलें अभी यूपी सरकार की ओर से गन्ने का मूल्य तय किए जाने का इंतजार कर रही हैं।
अनुमान है कि निर्यात में मौजूदा कमी से वैश्विक बाजार में कीमतें ऊपर जाएंगी, जिससे अगले सत्र में 50 लाख टन से ज्यादा चीनी निर्यात की संभावना है।
केंद्र सरकार ने चीनी निर्यात पर सब्सिडी के रूप में दी जाने वाली राशि में से 1,800 करोड़ का भुगतान कर दिया है।