नीट पीजी काउंसलिंग पर लगेगी रोक, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिए निर्देश

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नीट पीजी काउंसलिंग प्रक्रिया पर तब तक रोक लगाने के निर्देश दिए जब तक कि वह ऑल इंडिया कोटा (एआईक्यू) में ओबीसी, आर्थिक रूप से कमजोर ओबीसी और ईडब्ल्यूएस आरक्षण का प्रावधान किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले की वैधता पर फैसला नहीं ले लेती।

सुप्रीम कोर्ट को बताया गया था कि नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (पीजी) की पहले राउंड की काउंसलिंग के लिए रजिस्ट्रेशन 25 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक होंगे। इस पर शीर्ष अदालत ने आज सोमवार को कहा कि जब तक कोर्ट मामले पर फैसला नहीं ले लेती, तब तक काउंसलिंग की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़नी चाहिए।

न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्न की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) केएम नटराज की ओर से दिए गए आश्वासन को दर्ज कर लिया और यह माना कि अगर काउंसलिंग की प्रक्रिया आगे बढ़ती है जो मेडिकल विद्यार्थी बड़ी मुश्किल में पड़ जाएंगे।

नटराज ने यह आश्वासन तब दिया जब नीट अभ्यर्थियों की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट अरविंद दत्तार ने बताया कि डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज की ओर से जारी शेड्यूल के मुताबिक नीट पीजी काउंसलिंग प्रक्रिया 25 अक्टूबर से शुरू होनी है।

21 अक्टूबर को शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या वह नीट या मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन के लिए आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के निर्धारण के लिए आठ लाख रुपये वार्षिक आय की सीमा तय करने पर पुनर्विचार करेगी।

कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि वह नीति निर्धारण के क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं कर रही है बल्कि केवल यह निर्धारित करने का प्रयास कर रही है कि क्या संवैधानिक मूल्यों का पालन किया गया है अथवा नहीं।

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