
पहाड़ी और घाटियों से घिरा चिकमगलूर सैलानियों को करता है आकर्षित

भारत के दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से 251 किलोमीटर दूर बसा रमणीक स्थल चिकमगलूर बाबा बुद्धन पहाड़ियों के बीच स्थित है। पहाड़ी और घाटियों से घिरा चिकमगलूर पूरी तरह शांत वातावरण के आवरण में लिपटा हुआ स्थल है।
यहां के दर्शनीय स्थलों में केमानगुंडी का नाम पहले आता है। यह स्थान चिकमगलूर से 55 किलोमीटर दूर है जोकि एक अद्वितीय हिल स्टेशन है। यहां कलहरी प्रपात भी है जहां पानी 122 मीटर की ऊंचाई से गिरता है।
कर्नाटक की दूसरी सबसे ऊंची चोटी कुद्रेमुख यहां से 95 किलोमीटर दूर दक्षिण−पश्चिम में स्थित है। कुद्रेमुख पर्वत से अरब सागर भी देखा जा सकता है।
यहां पर श्रीनगिरी नामक एक इमारत है जिसमें 12 खंभे हैं और इन पर महीने के हिसाब से सूर्य की किरणें पड़ती हैं।
यहां से 530 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में एक अति प्राचीन ऐतिहासिक नगर बीजापुर है। यह आदिलशाही वंश की राजधानी थी। इससे पहले इस क्षेत्र पर चालुक्य वंश के हिंदू राजाओं का शासन था।
चिकमगलूर के दर्शनीय स्थलों में गोल गुंबद, जुम्मा मस्जिद, इब्राहिम रोजा और मलिक−ए−मैदान प्रमुख हैं। मोहम्मद आदिल शाह की ऐतिहासिक इमारत गोल गुंबद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा गुंबद है। इसका घेरा 44 मीटर है।
ऐतिहासिक महत्व की जुम्मा मस्जिद संभवतः भारत की पहली मस्जिद भी है। यहां स्वर्णाक्षरों में लिखी कुरान की एक अनमोल प्रति भी है जो सैलानियों को आकर्षित करती है।
इब्राहिम रोजा आदिल शाह द्वितीय की कब्रगाह है। यह काफी हद तक ताजमहल से ही प्रेरित होकर बनाई गई लगती है।
मलिक−ए−मैदान में विश्व की सबसे बड़ी तोप रखी गई है जोकि 14 फुट लंबी और 44 टन भारी है। इन सबके अलावा आप मितर महल, जोड़ गुंबद, असार महल, आनंद महल, अर्क किला आदि भी देखने जा सकते हैं।