अमेरिका ने जारी की एडवाइजरी- यूक्रेन से बाहर निकलें, हो सकता है हमला

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वाशिंगटन/मास्को/कीव। यूक्रेन को लेकर विश्व की दो महाशक्तियों अमेरिका और रूस के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिका का कहना है कि रूस यदि यूक्रेन में दखल देता है तो फिर उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

अमेरिका ने रूस की ओर से हमले की आशंका जताते हुए अपने राजनियकों के परिवारों से यूक्रेन से बाहर निकलने को कहा है। अमेरिका ने अपने नागरिकों को लेकर भी यह चेतावनी जारी की है।

यही नहीं अमेरिका ने ट्रैवल एडवाइजरी भी जारी की है, जिसमें उसने कहा है कि यूक्रेन न आएं क्योंकि रूस की ओर से कभी भी हमला किया जा सकता है। अमेरिका का कहना है कि रूस की ओर से सैन्य कार्रवाई का खतरा बढ़ गया है।

रविवार रात को अमेरिका की ओर से जारी की गई एडवाइजरी में अपने कर्मचारियों को लौटने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा राजनियकों के परिवारों से भी कहा गया है कि वे कीव छोड़ दें।

अमेरिका का कहना है कि रूस की ओर से सैन्य कार्रवाई का खतरा बना हुआ है, ऐसे में सावधानी बरतते हुए पहले ही देश छोड़ देना चाहिए।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया, ‘खबरें हैं कि रूस की ओर से यूक्रेन पर हमला किया जा सकता है। खासतौर पर रूस के नियंत्रण वाले क्रीमिया और पूर्वी यूक्रेन में अनिश्चितता की स्थिति है।’

इससे पहले बीते सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि रूस की ओर से किसी भी वक्त यूक्रेन पर हमला किया जा सकता है।

हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिकंन ने रूसी समकक्ष सेरजे लावरोव से जिनेवा में मुलाकात की थी लेकिन यह मुलाकात किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी।

गौरतलब है कि रूस के बाद यूक्रेन यूरोप का दूसरा सबसे बड़ा देश है, जो कभी सोवियत संघ का ही हिस्सा था। यूक्रेन में भी बड़ी आबादी रूसी मूल की है और उसके जरिए रूस अकसर बड़े क्षेत्र पर दावा करता रहा है।

हाल ही में यूक्रेन सरकार के कई संस्थानों की वेबसाइट्स हैक हो गई थीं, जिसे लेकर उसने आशंका जताई थी कि यह रूस की ओर से किया गया साइबर अटैक है।

यूक्रेन को लेकर क्यों आक्रामक है रूस और क्या है इतिहास

सोवियत संघ का ही हिस्सा रहे यूक्रेन से अब रूस के रिश्ते मधुर नहीं हैं। 2014 में रूस ने क्रीमिया पर कब्जा जमा लिया था, जो रूस का पोर्ट सिटी कहा जाता है।

आज भी दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव बना हुआ है। रूस ने फिलहाल 1 लाख के करीब सैनिकों की तैनाती यूक्रेन सीमा पर कर दी है। इसके चलते तनाव बहुत बढ़ गया है और अमेरिका भी इसमें कूद पड़ा है।

अमेरिका का कहना है कि यदि यूक्रेन पर रूस कब्जा करने का प्रयास करता है तो उसे अमेरिका से मुकाबला करना होगा। दरअसल यूक्रेन के रिश्ते पश्चिमी देशों से अच्छे हैं और यह भी रूस के साथ बिगड़े रिश्तों की एक वजह है।

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