
मालदीव: पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला चला रहे ‘इंडिया आउट’ अभियान, यह है वजह
माले। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन लगातार भारत के खिलाफ जहर उगल रहे हैं। अब उन्होंने कहा है कि मालदीव में भारतीय सैन्य कर्मियों को बाहर निकालने के अभियान ‘इंडिया आउट’ को रोका नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा भारत सहित किसी भी देश के सैन्य कर्मियों और सैन्य अधिकारियों को मालदीव में तैनात नहीं किया जा सकता।
इंडिया आउट अभियान को रोका नहीं जा सकता
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने कहा है कि सत्ताधारी सरकार इंडिया आउट अभियान का अपराधीकरण कर रही है।
अब्दुल्ला यामीन ने कहा सरकार ने अन्य देशों के साथ स्थापित द्विपक्षीय संबंधों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने वाली किसी भी गतिविधि का अपराधीकरण करने के लिए एक विधेयक का मसौदा तैयार किया है लेकिन हम सरकार से साफ कह देना चाहते हैं कि इंडिया आउट अभियान को रोका नहीं जा सकता है।
अब्दुल्ला यामीन ने मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को चेतावनी देते हुए कहा है कि इंडिया आउट आंदोलन पर प्रतिबंध लगाने वाला कोई भी कानून असंवैधानिक होगा।
उन्होंने कहा सोलिह सरकार कानून पारित कर सकती है लेकिन इस आंदोलन को नहीं रोक सकती है। यह हमारा मौलिक अधिकार है। यामीन से मालदीव सरकार से पूछा है कि सरकार बताए कि इस आंदोलन से कैसे खतरा था।
क्यों जारी है भारत के खिलाफ प्रदर्शन?
दिसंबर 2021 की शुरुआत से यामीन की प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव इंडिया आउट कैंपेन चला रही है। पार्टी का कहना है कि इस कैंपेन का मकसद भारतीय सैनिकों को मालदीव से हटाने का है।
यामीन ने खुद भी कहा है कि भले ही सत्तारूढ़ प्रशासन किसी भी भारतीय सैन्य उपस्थिति से इनकार करता है लेकिन हम अभियान को आगे बढ़ाएंगे।
यामीन का रहा है भारत विरोधी इतिहास
2013-18 के दौरान यामीन मालदीव के राष्ट्रपति थे। उस दौरान मालदीव और भारत के बीच संबंध बहुत खराब हो गए थे।
रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण लामू और अड्डू एटोल से भारत को दो हेलीकॉप्टरों वापस लेने पड़े थे। इसी दौरान यामीन भारत का विरोध करते हुए चीन को मालदीव में जगह देते रहे।
फिर सत्ता में आए इब्राहिम मोहम्मद सोलिह
2018 चुनावों में इब्राहिम मोहम्मद सोलिह मालदीव के नए राष्ट्रपति बने। उन्होंने ‘इंडिया फर्स्ट’ की विदेश नीति रखी और संबंधों को जोरदार तरीके से रिसेट किया।
2021 के एक इंटरव्यू में उन्होंने माना था कि उनकी सरकार भारत केंद्रित विदेश नीति रखती है। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद भी मानते हैं कि भारत मालदीव के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण देश है।