MPC के नतीजे जारी, RBI ने नीतिगत दरों में नहीं किया कोई बदलाव

rbi

नई दिल्ली। साल 2022 में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की पहली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के नतीजे आ चुके हैं।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक में लिए गए फैसलों का एलान करते हुए कहा कि इस बार भी नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। आऱबीआई ने लगातार 10वीं बार दरों को यथावत रखा है।

गौरतलब है कि मौद्रिक नीति समिति की बैठक 8 फरवरी से शुरू हुई थी। गुरुवार को बैठक के दौरान लिए गए फैसलों से अवगत कराया गया। पिछली बैठक में भी आरबीआई ने नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया था।

रिवर्स रेपो रेट में भी बदलाव नहीं

भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास तीन दिवसीय बैठक में किए गए फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रेपो रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4 फीसदी पर यथावत रहेगा। एमएसएफ रेट और बैंक रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4.25 फीसदी रहेगा।

गौरतलब है कि केंद्रीय बैंक ने आखिरी बार 22 मई 2020 को नीतिगत दरों में बदलाव किया था। उम्मीद जताई जा रही थी कि इस बार आरबीआई रिवर्स रेपो रेट में बदलाव करते हुए इसे 0.20 बेसिस प्वाइंट तक बढ़ा सकता है, लेकिन रिजर्व बैंक ने इसे भी बिना किसी बदलाव के साथ 3.35 फीसदी पर बरकरार रखा है।

होम-कार लोन वालों को झटका

आरबीआई ने रेपो दर और रिवर्स रेपो दर को इस बार भी बिना किसी बदलाव के यथावत रखा है। इससे साफ हो जाता है कि इस बार भी होम लोन या कार लोन में कोई छूट नहीं मिली है। रिजर्व बैंक की ओर से मौजूदा ईएमआई में कोई राहत नहीं दी गई है।

क्या है रेपो दर और रिवर्स रेपो दर

रेपो दर उसे कहते हैं जिस पर आरबीआई बैंकों को अल्पकालिक धन उधार देता है, इस बार भी यह 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखी गई है।

रिवर्स रेपो दर, जिस पर आरबीआई बैंकों से उधार लेता है, इसको भी 3.35 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा गया था। सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएपफआर) और बैंक दर को भी 4.25 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा गया है।

सीपीआई मुद्रास्फीति 4.5% रहने का अनुमान

रिजर्व बैंक गर्वनर ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ 7.8 फीसदी रहने का अनुमान है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 2022-23 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है।

महंगाई दर के अनुमान के बारे में बात करते हुए दास ने कहा कि वित्त वर्ष 23 की पहली तिमाही में 4.9 फीसदी और वित्त वर्ष 23 की दूसरी तिमाही में 5 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4 फीसदी और चौथी तिमाही में महंगाई दर 4.2 फीसदी रहने का अनुमान है।

उन्होंने कहा कि सीपीआई उम्मीदों के अनुरूप है और खाद्य कीमतों में आशावाद को जोड़ने के लिए आसान है। हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों का बढ़ना एक बड़ा जोखिम है।

लिक्विडिटी की कोई समस्या नहीं

शक्तिकांत दास ने कहा कि बैंकों को प्रशासन और जोखिम प्रबंधन को मजबूत करना चाहिए। उन्होंने एमपीसी की बैठक के नतीजों के बारे में जानकारी देते हुए कहा, सेंट्रल बैंक का लिक्विडिटी रीबैलेंसिंग पर फोकस है। सिस्टम में लिक्विडिटी की कोई समस्या नहीं है।

भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ेगी

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के तौर पर सबसे तेज रफ्तार से आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के साये में भारत में दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में अलग तरीके से रिकवरी हो रही है।

उन्होंने कहा कि भारत आईएमएफ के अनुमानों के मुताबिक, बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सालाना आधार पर सबसे तेज रफ्तार से ग्रोथ करेगा। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि रिकवरी को बड़े स्तर पर टीकाकरण और फिस्कल और मॉनेटरी सपोर्ट से समर्थन प्राप्त हुआ है।

अकोमडेटिव रुख रखने का फैसला

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ने अकोमडेटिव रूख रखने का फैसला किया है। अकोमोडेटिव स्टैंस का मतलब है कि निकट भविष्य में आरबीआई पॉलिसी रेट में कमी करने जा रहा है।

Back to top button