
यूक्रेन विवाद का असर: शेयर बाजार में भारी गिरावट, रुपये का भी अवमूल्यन

नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के साथ युद्ध की घोषणा कर दी है। इस ऐलान के बाद भारतीय शेयर बाजार आज भारी गिरावट के साथ खुले।
कच्चे तेल की कीमतें भी 99.66 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई हैं। सोना 51500 के पार पहुंच गया तो डॉलर के मुकाबले रुपया पहले से और कमजोर हो गया। इसका असर आपकी जेब पर भी पड़ेगा।
भारतीय रुपये में गिरावट
रूस के यूक्रेन में सैन्य अभियान की घोषणा के चलते रुपया शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 55 पैसे गिरकर 75.16 पर आया। युद्ध की वजह से अभी रुपये में और गिरावट की आशंका बढ़ गई है।
रुपये के कमजोर होने से जानें किस क्षेत्र को होगा नुकसान-
कच्चे तेल पर असर
इस क्षेत्र को रुपये की कमजोरी से सबसे ज्यादा नुकसान होता है, क्योंकि यह आयात किया जाता है। कच्चे तेल का आयात बिल में बढ़ोतरी होगी और विदेशी मुद्रा ज्यादा खर्च करना होगा।
कैपिटल गुड्स और इलेक्ट्रॉनिक सामान
रुपया कमजोर होने से कैपिटल गुड्स के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र को भी नुकसान होगा, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक गु्ड्स महंगे आयात किए जाएंगे।
उर्वरक की कीमत बढ़ेगी
भारत बड़ी मात्रा में जरूरी उर्वरकों और रसायन का आयात करता है। रुपये की कमजोरी से यह भी महंगा होगा। आयात करने वालों को यह अधिक दाम में मिलेगा। इससे इस क्षेत्र को सीधा नुकसान होगा।
क्रूड ऑयल की कीमतों में उछाल
रू-यूक्रेन युद्ध के बीच कच्चे तेल की कीमत (Crude oil) अंतरराष्ट्रीय बाजार में 7 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
बुधवार को क्रूड ऑयल में 2.91 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है, इसके बाद यह भाव ब्रेंट क्रूड का भाव 99.66 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। वहीं, डब्ल्यूटीआई भी 3.32 फीसद की उछाल केसाथ 95.16 डॉलर पर पहुंच गया है।