गैस चेंबर में तब्दील हुई राजधानी दिल्ली, बढ़ते प्रदुषण के कारण गैर-जरूरी निर्माण गतिविधियों पर लगा प्रतिबंध
दिल्ली समेत आसपास के 10 से ज्यादा शहरों में जहरीली हुई हवा, सेहत पर पड़ सकता है बुरा असर, दिल्ली में बढ़ते प्रदुषण को देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण पैनल ने दिल्ली-एनसीआर में गैर-जरूरी निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया।
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बेहद गंभीर श्रेणी में पहुंची गई है। अलम यह है कि लोगों को घरों में भी सांस लेने में दिक्कत हो रही है। घर से बाहर निकलने पर आंखों में जलन हो रही है। राजधानी में वायु गुणवत्ता (AQI) 500 के करीब पहुंच गई है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि दिल्ली वालों का क्या हाल है। केंद्र सरकार ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। साथ ही प्राइमरी स्कूल आज से अगले दो दिनों के लिए बंद कर दिए गए हैं। अब स्कूल सोमवार को खुलेंगे।
दरअसल राष्ट्रीय राजधानी में आसमान धुएं की एक मोटी परत से छिप गया और प्रदूषण का स्तर इस मौसम में पहली बार ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया. वैज्ञानिकों ने अगले दो सप्ताह के दौरान दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण का स्तर बढ़ने की चेतावनी जारी की है. वहीं, चिकित्सकों ने सांस संबंधी समस्याओं के बढ़ने की चेतावनी जारी की. दिल्ली के कई इलाकों में शुक्रवार को AQI 450 के पार दर्ज किया है. नरेला में हवा की गुणवत्ता यानी AQI 488, मुंडका में 498, बवाना में 496 और पंजाबी बाग में 484 तक पहुंच गया है।
यह पहली बार नहीं है जब राजधानी में इस तरह के हालात बने हैं। हर साल यही हाल होता है। अक्टूबर में 15 तारीख के बाद शहर में प्रदूषण बढ़ने लगता है। दिवाली के करीब आते-आते शहर गैस चेंबर में तब्दील हो जाता है। जनवरी में जाकर लोगों को थोड़ी राहत मिलती है। प्रदूषण को लेकर हर साल राजनीतिक हलकों में हो हल्ला मचता है। सबकुछ ठीक करने के दावे किए जाते हैं। लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकलता है।