यूपी समेत दूसरे प्रदेशों की महिलाओं को भी सशक्त बना रहीं हैं रेनू मिश्रा

लखनऊ। यूपी में मिशन शक्ति के तहत योगी सरकार एक ओर महिलाओं के हक की बात कर रही है तो वहीं दूसरी ओर सशक्‍त महिलाएं जरूरतमंद महिलाओं को सुरक्षा, स्‍वावलंबन और सम्‍मान का पाठ पढ़ा रहीं हैं।

यूपी के सभी जनपदों में अभियान के जरिए गैर सरकारी व सरकारी संस्‍थाएं महिलाओं व बेटियों को जमीनी स्‍तर पर सुविधाएं दिलाने के साथ ही उनको अपने अधिकारों के प्रति जागरूक भी कर रहीं हैं।

इस मिशन को आगे बढ़ाते हुए लखनऊ की आलमबाग निवासी रेनू मिश्रा महिलाओं व बेटियों को शिक्षा व रोजगार की मुख्‍यधारा से जोड़ने का काम कर रहीं हैं।

महिलाओं व बेटियों को आत्‍मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करने वाली रेनू मिश्रा साल 1991 से अब तक लगभग 40 हजार महिलाओं व बेटियों को सरकारी योजना के तहत रोजगार दिला चुकीं हैं।

रेनू मिश्रा ने बताया कि मैंने साल 1991 में एक एनजीओ के साथ मिलकर काम शुरू किया था। जिसके तहत ग्रामीण व शहरी क्षेत्र की बेटियों को सुरक्षा और उनको सम्‍मान दिलाने का काम किया।

मैंने साल 2010 में आली संस्‍था के साथ जुड़कर बतौर कार्यकारी निदेशक महिलाओं व बेटियों के उत्‍थान के लिए निरंतर काम करना शुरू किया।

इस दौरान मैंने एक ओर ग्रामीण महिलाओं के जीवन स्‍तर को सुधारने के लिए उनको सरकारी सुविधाएं दिलाने का काम किया तो वहीं दूसरी ओर बेटियों को शिक्षा की मुख्‍यधारा से जोड़ उनको शिक्षा के प्रति प्रेरित किया।

साथ ही मिशन शक्ति के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं संग हेल्‍पलाइन की विस्‍तृत जानकारी देकर महिलाओं को जागरूक भी कर रहीं हूं।

मेरा मानना है कि मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के इस वृहद अभियान से प्रेरणा लेकर अन्‍य राज्‍य सरकारों को भी ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करना चाहिए। 

यूपी के बेटी दूसरे प्रदेशों की बेटियों को कर रहीं सशक्‍त

रेनू मिश्रा यूपी समेत दूसरे प्रदेशों की बेटियों को भी सशक्‍त बनाने का कार्य कर रहीं हैं। उन्‍होंने बताया कि संस्‍था आली के जरिए मैं झारखंड़ के 21, बिहार के 4, उत्‍तराखंड 6, यूपी के 32 जनपदों में गैर सरकारी व सरकारी संस्‍थाओं को ट्रेंनिंग देने के साथ ही बेटियों और महिलाओं को सुरक्षा, हेल्‍पलाइन नंबर, कानूनी अधिकारों व संविधान का पाठ पढ़ा रहीं हूं।

ग्रामीण अंचल की बेटियों में जगाई शिक्षा की अलख

राजधानी समेत दूसरे जनपदों से जुड़े ग्रामीण अंचलों की बेटियों का दाखिला प्राथमिक स्‍कूल में कराने संग वो उनकी ड्रेस व किताबों का खर्चा सालों से पूरी तौर पर उठा रहीं हैं। उन्‍होंने अब तक लगभग 250 बेटियों का दाखिला प्राथमिक विद्यालयों में कराया है।

मिशन शक्ति के तहत एनजीओ के साथ मिलकर उन्‍होंने जहां गरीब परिवार की बेटियों के विवाह में आर्थिक रूप से मदद की है वहीं लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों के खाने-पीने समेत उनके रहने की व्‍यवस्‍था का भी पूरा जिम्‍मा संभाला।

एक लाख महिलाओं व बेटियों को बनाया सशक्‍त

उन्‍होंने महिलाओं को रोजगार देने के साथ ही बेटियों को शिक्षा व सम्‍मान दिलाने के लिए जमीनी तौर पर कार्य किया।

उन्‍होंने अब तक यूपी समेत अन्‍य प्रदेशों की एक लाख बेटियों को सशक्‍त बनाया है।उन्‍होंने बताया कि अब तक मैंने ग्रामीण व शहरी लगभग 20 हजार महिलाओं को रोजगार की मुख्‍यधारा से जोड़ने का कार्य किया है।

बेटियों की सुरक्षा और उनको स्‍वावलंबी बनाने के उद्देश्‍य से लगभग 30 हजार बेटियों को जागरूक करने के साथ ही लगभग 25,000 महिलाओं को निशुल्‍क कानूनी सलाह देने का कार्य भी किया है।

मिशन शक्ति के तहत 5,000 बच्‍चों को किया जागरूक

मिशन शक्ति के तहत वेबिनार के जरिए वो अब तक विभिन्‍न स्‍कूल कॉलेजों के लगभग 5,000 छात्र छात्राओं को महिला मुद्दों पर जागरूक कर चुकीं हैं। छात्र छात्राओं को महिला अधिकारों के मुद्दे पर सशक्‍त बनाने का बीड़ा उठा उनको ट्रेनिंग दे रहीं हैं।

उन्‍होंने बताया कि मिशन शक्ति जैसे कार्यक्रमों को हर साल प्रदेश स्‍तर पर चलाया जाना चाहिए जिससे महिलाओं व बेटिओं को सशक्‍त बनाने के साथ ही सरकारी योजनाओं का लाभ भी उनको मिल सकें।

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