यूपी में NDA गठबंधन को तगड़ा झटका, विपक्ष में बढ़ेगा अखिलेश का कद

Election Result2024: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election Result) की मतगणना मंगलवार सुबह आठ बजे शुरू हो चुकी है। शुरुआती रुझानों में एनडीए गठबंधन को बड़ा झटका लगता नजर आ रहा है। उत्तर प्रदेश में नौ सीटों पर इंडी गठबंधन को बढ़त मिलती नजर आ रही है। जबकि एनडीए गठबंधन पांच सीटों पर आगे चल रहा है। वहीं एक सीट पर निदर्लीय प्रत्याशी शुरुआती रुझानों में आगे है।

अब तक आए रुझानों में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन उत्तर प्रदेश में बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन के सामने जबरदस्त चुनौती पेश कर रहा है। खबर लिखे जाने तक आए रुझानों में एनडीए गठबंधन 294 सीटों पर आगे तो इंडिया गठबंधन भी 224 सीटों पर बढ़त बनाए हुए नजर आ रहा है। गौर करने वाली बात यह है कि 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में सपा 36, बीजेपी 32 और कांग्रेस 6 सीटों पर आगे चल रही है। यहां सपा और कांग्रेस की सीटों को जोड़ दें तो यह नंबर 42 पर पहुंच जाता है।

सच होते जा रहे अखिलेश के दावे
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार दावा कर रहे थे इस बार इंडिया गठबंधन उत्तर प्रदेश में चौंकाने वाला प्रदर्शन करेगा। उस वक्त बहुत कम लोगों को अखिलेश यादव के दावों पर यकीन हो रहा होगा। अब तक आए रुझानों को देखें तो अखिलेश यादव कहीं ना कहीं अपने दावों को सच करते हुए दिखा रहे हैं।

प्रचार के दौरान अखिलेश यादव पीएम मोदी की संसदीय सीट वाराणसी को छोड़कर 79 सीटों पर गठबंधन के जीत के दावे कर रहे थे। लेकिन जब मंगलवार को वोटो की गिनती शुरू हुई तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एक समय करीब 7 हजार वोटों से कांग्रेस के प्रत्याशी अजय राय से पीछे चल रहे थे।

मुलायम सिंह के निधन के बाद आज अखिलेश की बड़ी परीक्षा
जिस पिता ने अब से 24 साल पहले कन्नौज शहर के बोर्डिंग ग्राउंड की सभा में हाथ उठाकर अखिलेश यादव को नेता बनाने की अपील की थी, वह इस बार नहीं हैं। उनके निधन के बाद फिर से कन्नौज से अपनी दूसरी सियासी पारी का आगाज करने के लिए किस्मत आजमा रहे सपा मुखिया अखिलेश यादव को आज अग्नि परीक्षा से गुजरना होगा। उन्हें न सिर्फ खुद की सीट पर पार्टी को कामयाब बनाने की जिम्मेदारी है, बल्कि परिवार के दूसरे सदस्यों के साथ ही पार्टी को भी कामयाब बनाना है। मंगलवार को आने वाले चुनावी नतीजे अखिलेश यादव की उम्मीदवारी के साथ ही पार्टी मुखिया के कद को भी तय करेंगे।

दो लड़को की जोड़ी ने किया कमाल
2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरा अखिलेश यादव ने राहुल गांधी की कांग्रेस के साथ गठबंधन की थी, लेकिन उस वक्त वह पूरी तरह फेल साबित हुआ। 2019 में अखिलेश यादव ने मायावती को गठबंधन में लेकर आए, लेकिन वह भी करीब-करीब फेल ही रही। इसके बाद एक बार फिर से 2024 में अखिलेश यादव कांग्रेस को साथ लेकर चुनाव में उतरे। बीजेपी लगातार कर रही थी कि एक बार फिर से यूपी के दोनों लड़के की जोड़ी को जनता नकार देगी। लेकिन अबतक के रुझानों में ये दावा उलट होता दिख रहा है

राहुल और अखिलेश की बढ़ेगी साख
2009 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को 21 सीटें आई थी। उस जीत का श्रेय राहुल गांधी को दिया गया था। कांग्रेस के इसी प्रदर्शन के चलते यूपीए की लगातार दूसरी बार केंद्र में सरकार बनी। वहीं 2014 में कांग्रेस रायबरेली और अमेठी पर सिमट गई। 2019 में राहुल गांधी खुद अमेठी से चुनाव हार गए। 2024 में अब तक जिस तरह के रुझान आ रहे हैं उसे देखकर यही लगता है कि अखिलेश यादव और राहुल गांधी की जोड़ी पर यूपीर की जनता ने भरोसा किया। दोनों नेताओं ने पेपर लीक और अग्निवीर के मुद्दे को जोर शोर से उठाया है।

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