यूपी में सबसे बड़ा उलटफेर, मायावती सहित इन दो फ़ैक्टरों ने BJP का बिगाड़ा खेल
Chunav Results 2024 Updates: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के नतीजों को लेकर रुझानों की बात करें तो खबर लिखे जाने तक एनडीए (NDA) बढ़त बनाए हुए है. वहीं, 229 सीटों पर इंडिया ब्लॉक आगे है. साथ ही इंडिया ब्लॉक की पूर्व सहयोगी जैसे टीएमसी भी बंगाल की सीटों पर बड़ी संख्या में लीड लेती दिखाई पड़ रही है. ऐसे में अगर किसी विशेष परिस्थिति में इंडिया ब्लॉक की सरकार बनती है, तो उसका प्रधानमंत्री कौन होगा? आइए जानते हैं कि इंडिया ब्लॉक से पीएम कौन होगा?
कुछ राज्य ऐसे हैं जो बीजेपी को टेंशन दे रहे हैं। देश के सबसे बड़े सियासी सूबे यूपी में बीजेपी की टेंशन बढ़ गई है। रुझानों में भले ही एनडीए को बहुमत मिल चुका है लेकिन इंडिया गठबंधन कड़ी चुनौती दे रहा है। कांग्रेस के लिए भी अच्छी खबर इस चुनाव में सामने आ रही है। कांग्रेस की सीटें रुझानों में 100 के पार जाती दिख रही हैं।
यूपी में बड़ा उलटफेर
80 सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश में इस बार राहुल गांधी और अखिलेश यादव की जोड़ी बीजेपी को कड़ी टक्कर देती नजर आ रही है। इस राज्य से बीजेपी को काफी उम्मीदें हैं। यहां सपा बीजेपी से आगे चल रही है। सपा यहां 36 सीटों पर आगे है जबकि बीजेपी 32 साटों पर आगे है। वहीं कांग्रेस 6 सीटों पर आगे है। अमेठी,मैनपुर,रायबरेली सीट से बीजेपी पीछे चल रही है। यदि देखा जाए तो सबसे बड़ा उलटफेर फिलहाल यहीं होता दिख रहा है। पिछली बार बीजेपी को यहां 62 सीटें मिली थीं लेकिन इस बार वह इस आंकड़े से काफी पीछे दिख रही है।
यूपी में भाजपा को मिली शिकस्त की बड़ी वजह
कहा जाता है कि देश की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से हो कर गुजरता है शायद यही वजह है कि सबकी नगाहें यूपी पर तिकी होती है। लोकसभा के इस चुनाव में भाजपा को जो तगड़ा झटका लगा है उसकी सबसे बड़ी वजह यहाँ के उम्मीदवारों का रिपीट करने की मानी जा रही है। देखा जय तो बजेपी ने राज्य में सबसे ज्यादा मौजूदा सांसदों को उम्मीदवार बनाया है जिसमें सुल्तानपुर से मेनका गाँधी, चंदौली से महेंद्र पांडेय, प्रतापगढ़ से सांगम लाल गुप्ता जैसे तमाम ऐसे संसद है जिनसे जनता को शिकायत थी कि वह क्षेत्र में काम आते है साथ ही क्षेत्र में विकास कार्य भी उस गति से नहीं हुआ बावजूद इसके उन्हें उमीदवार बनाया गय। इसे दिल्ली के उदाहरण से भी समझा जा सकता है। भाजपा ने दिल्ली के उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों के आलावा सारे सीटों पर कैंडिडेट बदल दिए थे। उसका फायदा होता भी दिख रहा है। इसीलिए यह कहा जा सकता है कि उम्मीदवारों का रिपीट होना एक सबसे बड़ा फैक्टर है
INDIA गठबंधन को BSP का वोट ट्रांसफर होना भी बड़ा फैक्टर
उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी का एक बहुत बड़ा जनाधार है। ध्यान देने वाली बात है कि मायावती की पार्टी ने 2019 के आम चुनाव में 19 फीसदी वोट हांसिल किये थे और 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी। अब तक के रुझानों पर यदि नजर डाला जाय तो BSP शुन्य है। और उसका वोट प्रतिशत भी महज 9 है। पिछले चुनाव में सपा को 18 फीसदी वोट मिले थे लेकिन इस बार अभी तक की प्रतिशत देखा जाय तो 31 है। इससे ये साफ़ होता है कि बसपा का वोट सपा को ट्रांसफर हुआ है। जो कि NDA को डेंट कर रहा है।
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