जीवित रूट पुलों के लिए भी जाना जाता है प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर चेरापूंजी

पूर्वोत्तर भारत वास्तव में हिमालय का एक रत्न है, जिसका प्राकृतिक सौंदर्य अनुपम है। यहाँ हरियाली, सुंदर परिदृश्य और झरने हैं। इन्ही में से एक जगह है चेरापूंजी।

मेघालय राज्य में पूर्वी खासी हिल्स जिले में स्थित चेरापूंजी (जिसे आधिकारिक तौर पर सोहरा कहा जाता है) दुनिया भर में न केवल भारी वर्षा के लिए बल्कि बहुत लोकप्रिय जीवित रूट पुलों के लिए भी जाना जाता है।

इन रूट पुलों के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि इनको उगाया जा सकता है। इनमें से कुछ पुल 100 फीट से अधिक लंबे हैं और एक समय में पचास या अधिक लोगों के वजन का आसानी से सहन कर सकते हैं। वे जितने पुराने होते हैं, उतने ही मजबूत होते हैं। इनमें से कुछ पुल 500 साल से भी अधिक पुराने हैं।

चेरापूंजी की यात्रा का सर्वोत्तम समय

– ग्रीष्मकालीन (मार्च-मई): यह चेरापूंजी की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय है।

– मानसून (जून-सितंबर): कम तापमान के साथ हुई भारी बारिश चेरापूंजी की यात्रा के लिए सबसे प्रतिकूल समय बनाती है।

– शीतकालीन (नवंबर-फरवरी): यदि आप सामयिक वर्षा के साथ 5 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच रह सकते हैं, तो सर्दियां चेरापूंजी की यात्रा का सबसे अच्छा समय है।

कैसे पहुंचे चेरापूंजी?

हवाई मार्ग

चेरापूंजी से 181 किलोमीटर दूर दूसरे निकटतम हवाई अड्डा गुवाहाटी है, जो भारत के सभी प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, कोलकाता और मुंबई से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

ट्रेन मार्ग

गुवाहाटी रेलवे स्टेशन शहर के सबसे नजदीक है और सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।

सड़क मार्ग

गुवाहाटी बस स्टैंड से सरकारी या निजी बस ले सकते हैं। वहां से आप शहर जाने के लिए टैक्सी भी किराए पर ले सकते हैं।

चेरापूंजी में घूमने की जगहें

– लिविंग रूट ब्रिज

– देंथलीन झरनें

– सेवन सिस्टर वॉटरफॉल

– रामा कृष्णा मिशन और म्यूजियम

– नोहकलिकाई झरने

– क्रेम मवल्मुह

– दावकी

– डबल डेकर लिविंग रुट ब्रिज

– मवसमाई गुफा

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