NEET पेपर लीक मामले पर सुनवाई जारी.. कोर्ट से अंतिम फैसला सुनाने की उम्मीद

सुप्रीम कोर्ट 5 मई को आयोजित नीट यूजी 2024 परीक्षा को रद्द करने, दोबारा परीक्षा देने और अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर 23 जुलाई को सुनवाई फिर सुनवाई कर रहा है। CJI की बेंच के सामने हुई आज पांचवीं सुनवाई के दौरान CJI ने कहा- NTA की आंसर-की सही है। एक्सपर्ट टीम से हमने जांच कराई थी। उन्होंने बताया कि ऑप्शन 4 सही है, 2 गलत है। क्योंकि रेडियो एक्टिव एटम स्टेबल नहीं होते है।

सुप्रीम कोर्ट ने एग्‍जाम में एक विवादित सवाल के 2 सही ऑप्शन वाले क्वेश्चन की पड़ताल का आदेश दिया था। इसके लिए IIT दिल्‍ली के डायरेक्‍टर दो जवाबों वाले सवाल की जांच के लिए एक 3 मेंबर्स की एक्‍सपर्ट कमेटी बनाकर एक सही ऑप्शन चुनने को कहा था।

सीजेआई ने बाकी वकीलों से, जो दोबारा परीक्षण के लिए बहस कर रहे हैं, ईमेल से लिखित दलीलें भेजने को कहा।

सॉलिसिटर जनरल ने की प्रतिशत प्रणाली की व्याख्या
सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि, “नीट में एक परसेंटाइल सिस्टम है। परसेंटाइल एक आंकड़ा है जो गणना के बाद आता है और इस परीक्षा में यह 50 परसेंटाइल था और इस परीक्षा में यह 164 अंक आता है। पिछले साल यह 137 अंक था।” जो दर्शाता है कि इस वर्ष छात्रों की संख्या में वृद्धि हुई है और 24 लाख छात्रों का यह बैच अधिक मेहनती था और पाठ्यक्रम में कटौती की गई थी।”

छात्रों को दिए जाते हैं डमी पेपर
‘प्रतियोगी परीक्षाओं और यूपीएससी, आईआईटी-जेईई आदि परीक्षाओं के कोचिंग सेंटरों के लिए कोटा, सीकर, कोट्टायम, नामक्कल, राजकोट जैसे कुछ केंद्र हैं। इन छात्रों को हर दूसरे दिन डमी पेपर दिए जाते हैं ताकि वे इस प्रकार के प्रशिक्षण में प्रशिक्षित हो सकें। प्रतियोगी परीक्षाएं सॉलिसिटर जनरल का कहना है, ‘जैसे कि जब वे आखिरकार नीट के लिए बैठे तो शायद यह 201वीं परीक्षा थी।’

याचिकाकर्ताओं की ओर से नरेंद्र हुडा हुए पेश
याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील पेश करते हुए नरेंद्र हुड्डा ने कहा, “यहां उन्हें जो प्रश्न पत्र मिला वह 20 मिनट देर से मिला। वे उस प्रश्न पत्र को पहले 3 घंटे तक पकड़े रहे और फिर उस पेपर को उन्होंने 3 घंटे तक अपने पास रखा, इसलिए ऐसे में ये सभी लोग 6 घंटे तक पेपर को एप पास ही रखा था।

हुड्डा इ कहा कि एक ही क्वेश्चन पेपर सॉल्व करने से एग्जाम की शुचिता फिर खत्म हो गई है। क्योंकि किसी को एक बार 3 घंटे 20 मिनट मिलते हैं, इन लोगों को एक ही दिन में 3 घंटे 20 मिनट दो बार मिल रहे हैं, जबकि क्वेश्चन नहीं बदले।

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