केजरीवाल सरकार को तगड़ा झटका, MCD में नियुक्ति एलजी का अधिकार- सुप्रीम कोर्ट

SC on Aldermen Appointments: देश के सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट से आम आदमी पार्टी (आप) को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में 10 एल्डरमैन को मनोनित किए जाने के एलजी के फैसले को सर्वोच्च अदालत ने सही करार दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम (MCD) में 10 ‘एल्डरमैन’ नामित (SC on Aldermen Appointments) करने के दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के फैसले को बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि दिल्ली नगर निगम में 10 ‘एल्डरमैन’ नामित करने के एलजी के फैसले को मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह की आवश्यकता नहीं है। जस्टिस पीएस नरसिम्हा और चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली बेंच ने इस मामले की सुनवाई की थी। फैसले सुनाते हुए जस्टिस नरसिम्हा ने कहा कि एल्डरमैन की नियुक्ति एलजी का वैधानिक कर्तव्य है और इसे पूरा करने में वह राज्य कैबिनेट की सलाह लेने को बाध्य नहीं हैं।

सीजेआई ने कही थी यह बात
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उपराज्यपाल को एमसीडी में ‘एल्डरमैन’ नामित करने का अधिकार देने का मतलब है कि वह निर्वाचित नगर निकाय को अस्थिर कर सकते हैं। सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ ने एमसीडी में ‘एल्डरमैन’ को नामित करने के उपराज्यपाल के अधिकार को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रखते हुए यह बात कही थी। 

दरअसल, 250 पार्षदों वाले दिल्ली नगर निगम में एल्डरमैन की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। एल्डरमैन मेयर के चुनाव या किसी बिल को पास करने के दौरान वोट तो नहीं कर सकते, लेकिन ये जोनल कमेटियों में मतदान कर सकते हैं। नगर निगम की सबसे ताकतवर स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव के लिए जोनल कमेटियों से ही सदस्य चुनकर आते हैं। ऐसे में स्टैंडिंग कमेटी के गठन में अप्रत्यक्ष तरीके से एल्डरमैन की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है। यही कारण है कि आम आदमी पार्टी और दिल्ली के उपराज्यपाल एल्डरमैन की नियुक्ति को अपने हाथ में रखने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। पिछले मेयर के चुनाव के समय ही उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 10 एल्डरमैन की नियुक्ति कर दी थी। 

Back to top button