UP News: अमावस्या की रात भेड़िया करेगा आघात? खौफजदा लोगों के लिए CM का निर्देश
Bahraich Bhediya Attack: यूपी के बहराइच में भेड़ियों का आतंक लगातार जारी है। भेड़ियों के हमले से अबतक 10 लोगो की जान जा चुकी है। अब लोग इस दहशत में है कि 2 सितंबर को सोमवती अमावस्या हैं। ऐसे में आदमखोर भेड़िये किसी बड़े हमले को अंजाम दे सकते हैं।
उत्तर प्रदेश के बहराइच के 35 गांव अभी भी भेड़िए के आतंक से (Bahraich Bhediya Attack) खौफजदा हैं। बहराइच में आदमखोर भेड़िए और खूंखार हो गए हैं। रविवार रात 1 बजे मां के बगल में सो रही 3 साल की बच्ची को उठा ले गया। आदमखोर भेड़िये के लगातार हो रहे हमलों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में आदमखोर भेड़िये या तेंदुए द्वारा हमले किए जा रहे हैं, उन्हें हर हाल में नियंत्रित करने, पकड़ने का प्रयास किया जाए और आवश्यकता के अनुरूप कदम उठाए जाएं। ऐसे में सोमवार को सोमवती अमावस्या होने की वजह से उन्हें लग रहा है कि भेड़ियों का झुण्ड किसी बड़े वारदात को अंजाम दे सकता हैं।
क्या अमावस्या की रात भेड़िये हो जाते है एक्टिव?
अमावस्या पर भेड़िये क्यों खूंखार होने लगता है? रिपोर्ट्स के आधार पर, पूर्णिमा में चांद के होने की वजह से शांति रहती है और अमावस्या पर सूर्य की तेजी होती है। जिसके चलते अमावस्या आने पर आसुरी शक्तियों के साथ-साथ हिंसक जानवर उग्र हो जाते हैं। यही कारण है कि अमावस्या पर भेड़ियों के उग्र होने की बात सामने आती है। जब भेड़िया एक बार शिकार कर लेता है तो उसे मानव खून की खुशबू के चलते अन्य भेड़िया भी प्रभावित होते हैं। किसी एक भेड़िए के द्वारा किए गए शिकार की खुशबू अन्य भेड़ियों को लग जाती है तो वह झुंड में शिकार करने निकल पड़ते हैं। अब इस बात में कितनी सच्चाई है हम इस चीज का दावा नहीं करते।
वन विभाग के एक्सपर्ट कहते है कि एक भेड़िये (Bahraich Bhediya Attack) की वजह से सब कुछ हो रहा हैं। भेड़िया एक बार शिकार कर लेता है तो दो से तीन दिन तक उसका पेट भरा रहता है। उसके बाद ही वह शिकार के लिए निकलता हैं। भेड़िये की सूंघने और भागने की क्षमता काफी होती है। वह 2 किमी तक सूंघ सकता है। साथ ही 60 किमी प्रति घंटा की रफ़्तार से दौड़ सकता है। लेकिन अब लोगों को आशंका है कि अमावस्या की रात वह बड़ा हमला कर सकता है।
तो वही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी द्वारा वन मंत्री को निर्देशित किया गया है कि वरिष्ठ अधिकारी जनपदों में कैंप करें। वन विभाग के अतिरिक्त कार्मिकों को बहराइच, सीतापुर, लखीमपुर, पीलीभीत, बिजनौर और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में लगाएं। वहां समस्त विभागों की ज्वाइंट पेट्रोलिंग बढ़ाएं। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां लाइट की समस्या हो, वहां पेट्रोमैक्स की व्यवस्था भी करें।