कंगना के किसानों वाले बयान पर सियासी संग्राम, बीजेपी ने किया किनारा…

Kangana Ranaut: बीजेपी सांसद कंगना रनौत अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहती हैं। उनका जो ताजा बयान वायरल हो रहा है वो कृषि बिल पर है। इसके बाद पार्टी की ओर से जानें क्या कहा गया।

Kangana Ranaut Statement: कृषि कानूनों को वापस लाने को लेकर बीजेपी सांसद और एक्ट्रेस कंगना रनौत ने ऐसा बयान दिया है जिसके बाद विपक्षी पार्टियां हमलावर हो गई है। कंगना ने एक बार फिर से भारत के किसानों से जुड़ा बयान दिया है। बीजेपी सांसद का बयान आने के बाद सियासी सरगर्मी बढ़ गई है. बीजेपी ने कंगना के बयान से किनारा काटा है और कहा है कि यह पार्टी का बयान नहीं है. वहीं, अब अलग-अलग पार्टी के नेताओं की तरफ से बयानबाजी शुरू हो गई है।

कांग्रेस का कंगना रनौत पर करारा प्रहार

कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर कंगना रनौत (Kangana Ranaut) का एक बिना तारीख वाला वीडियो शेयर किया. इसमें वह कथित तौर पर हिंदी में कह रही हैं कि जो कृषि कानून निरस्त किए गए हैं उन्हें वापस लाया जाना चाहिए. मुझे लगता है कि यह विवादास्पद हो सकता है. किसानों के हित में कानून वापस लाने चाहिए. किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए, ताकि उनकी समृद्धि में कोई रुकावट नहीं रहे.

तो वही एलजेपी प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कंगना के बयान पर कहा, “ये कंगना का पर्सनल स्टेटमेंट हो सकता है, ये उनकी सोच हो सकती है. पार्टी का कोई बयान नहीं है,

बीजेपी नेता गौरव भाटिया ने कंगना रनौत के द्वारा कृषि कानूनों पर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, “सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर केंद्र सरकार द्वारा वापस लिए गए कृषि बिलों पर बीजेपी सांसद कंगना रनौत का बयान वायरल हो रहा है. मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह बयान उनका निजी बयान है. कंगना रनौत बीजेपी की तरफ से ऐसा बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं और यह कृषि बिलों पर बीजेपी के नजरिए को नहीं दर्शाता है. हम इस बयान को अस्वीकार करते हैं

केंद्र की मोदी सरकार ने विरोध प्रदर्शन के बाद तीन कानून- कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) अधिनियम; कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम; तथा आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम – को नवंबर 2021 में निरस्त कर दिया था. किसानों का विरोध नवंबर 2020 के अंत में शुरू हुआ था और संसद द्वारा तीनों कानूनों को निरस्त करने के बाद समाप्त हुआ. ये कानून जून 2020 में लागू हुए थे और नवंबर 2021 में निरस्त कर दिए गए.

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