मजदूर के बेटे पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, IIT धनबाद में कराया दाखिला…

Supreme Court: उत्तर प्रदेश के एक दिहाड़ी मजदूर के बेटे को आईआईटी धनबाद में एडमिशन फीस में देरी के कारण प्रवेश रद्द कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने अनुच्छेद 142 के तहत हस्तक्षेप कर अतुल को इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग बीटेक पाठ्यक्रम में प्रवेश देने का आदेश दिया।

उत्तर प्रदेश एक छात्र को मात्र 17,500 रुपये फीस समय पर जमा ना कर पाने की वजह से आईआईटी में एडमिशन नहीं मिला था। इस वजह से ये मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चला गया था, अब इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। मुजफ्फरनगर के इस छात्र को आईआईटी धनबाद में एडमिशन मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में छात्र को छात्रावास सहित सभी सुविधाएं देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया है कि जो छात्र आईआईटी धनबाद (IIT Dhanbad) में दाखिला ले चुके हैं, उनके दाखिले पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा, बल्कि छात्र को अतिरिक्त सीट पर एडमिशन (Admission Row) दिया जाएगा।

आईआईटी धनबाद में सीट मिलने के बाद फीस जमा करने की आखिरी तारीख में केवल 4 दिन का समय बचा था. 24 जून को शाम 5 बजे तक पिता को बेटे की फीस जमा करनी थी. राजेंद्र किसी तरह 24 जून को शाम करीब 4:45 बजे तक पैसे का इंतजाम कर पाए, चूंकि समय कम था, इसलिए उन्होंने पैसा अतुल के भाई के बैंक अकाउंट में जमा करवा दिया.

बता दें कि 18 साल अतुल कुमार के माता-पिता 24 जून तक स्वीकृति शुल्क के रूप में 17,500 रुपये जमा करने में विफल रहे थे। 24 जून सीट आरक्षित करने के लिए जरूरी शुल्क जमा करने की अंतिम तारीख थी। सर्वोच्च अदालत ने कहा- हम निर्देश देते हैं कि उम्मीदवार को आईआईटी धनबाद में दाखिला दिया जाए और उसे उसी बैच में रहने दिया जाए, जिसमें उसे फीस का भुगतान करने पर दाखिला मिलता।

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