सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक गिरफ्तार, राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
Sonam Wangchuk: दिल्ली पुलिस के अनुसार, कानून व्यवस्था को देखते हुए सोनम वांगचुक को हिरासत में लिया है। बताया गया है कि हिरासत में लिए गए सभी लोगों को अलग-अलग पुलिस स्टेशन में रखा गया है.
लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर पैदल दिल्ली की सीमा तक आए जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को दिल्ली पुलिस ने सोमवार रात हिरासत में ले लिया। सिंघु बॉर्डर पर वांगचुक समेत करीब 120 लोगों को हिरासत में लिया गया। दिल्ली पुलिस सूत्रों के अनुसार हिरासत में लिए गए लोगों को अलीपुर और शहर की सीमा से लगे अन्य पुलिस थानों में ले जाया गया। दिल्ली के कई इलाकों में छह दिन के लिए बीएनएस की धारा 163 लागू है।
राहुल गांधी ने साधा निशाना
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, “सोनम वांगचुक जी और पर्यावरण और संवैधानिक अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण मार्च कर रहे सैकड़ों लद्दाखियों को हिरासत में लेना अस्वीकार्य है. लद्दाख के भविष्य के लिए खड़े होने वाले बुजुर्गों को दिल्ली की सीमा पर क्यों हिरासत में लिया जा रहा है? मोदी जी, किसानों की तरह यह चक्रव्यूह भी टूटेगा और आपका अहंकार भी टूटेगा. आपको लद्दाख की आवाज सुननी होगी.”
क्यों पैदल मार्च पर निकले हैं सोनम वांगचुक?
सोनम वांगचुक ने अपने समर्थकों के साथ 1 सितंबर को लेह से नई दिल्ली तक पैदल मार्च की शुरुआत की. उनका दिल्ली आने का मकसद केंद्र से उनकी मांगों के बारे में लद्दाख के नेतृत्व के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का आग्रह करना है. 14 सितंबर को जब वांगचुक की पदयात्रा हिमाचल प्रदेश पहुंची थी, तब उन्होंने कहा था कि हम सरकार को पांच साल पहले किए गए वादे को पूरा करने की याद दिलाने के मिशन पर हैं.
क्या है उनकी मांगें?
लद्दाख को लेकर कई मांगें हैं. सबसे बड़ी मांग है कि लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए, ताकि उसे संवैधानिक सुरक्षा मिल सके. इसके साथ ही लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए। छठी अनुसूची के तहत, जनजातीय क्षेत्रों में स्वायत्त जिले बनाने का प्रावधान है. छठी अनुसूची स्वायत्त जिला परिषदों के गठन का प्रावधान करता है. इन स्वायत्त जिला परिषदों को लैंड रेवेन्यू जमा करने, टैक्स लगाने, कारोबार को रेगुलेट करने, खनिजों के खनन के लिए लाइसेंस या पट्टा जारी करने के साथ-साथ स्कूल, मार्केट और सड़कें बनाने का अधिकार भी होता है.
इसके अलावा लद्दाख में पब्लिक सर्विस कमिशन (पीएससी) का गठन करने की मांग भी की है, ताकि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के मौके पैदा हो सकें. पहले यहां के लोग जम्मू-कश्मीर पीएससी में अप्लाई करते थे