उत्तराखंड में बड़ा हादसा…200 फिट गहरी खाई में गिरी बारातियों की बस, 30 की मौत

Uttarakhand Bus Accident: उत्तराखंड के पौड़ी जिले में शनिवार को बारातियों से भरी एक बस 200 फीट गहरी खाई में गिर गई। इस हादसे में लगभग 30 लोगों के मारे जाने की खबर है। वहीं कई लोग जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और बचाव दल मौके पर पहुंच गया. अब तक तीन लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं.

बताया गया कि बारात हरिद्वार के लालढांग से पौड़ी जिले के बीरोंखाल गांव जा रही थी. शुक्रवार रात करीब आठ बजे बस चालक ने नियंत्रण खो दिया. इससे बस 200 फीट गहरी खाई में गिर गई. हादसे के समय बस में 50-55 बाराती सवार थे. दुल्‍हन के घर से दो किलोमीटर दूरी पर ही बस दुर्घटनाग्रस्‍त हो गई. हादसे के बाद गुस्‍साए लोगों ने प्रदर्शन किया.

हादसे को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश
हादसे की सूचना पर उत्‍तराखंड विधानसभा अध्‍यक्ष ऋतु खंडूरी भी मौके पर पहुंची. इसके बाद घायलों का हाल चाल जानने के लिए वह अस्‍पताल भी पहुंचीं जहां उन्‍हें भर्ती किया गया था. हादसे को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है. उनका हकहना है कि चालक की लापरवाही से या बड़ा हादसा हुआ है उत्‍तराखंड पुलिस और एसडीआरएफ की टीम रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन चला रही है. घायलों को अस्‍पताल पहुंचाया जा रहा है. हादसे में कई लोगों के मरने की संभावना जताई जा रही है. हालांकि, अभी मरने वालों की संख्या को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.

लोगों ने बताई हादसे की वजह
ये हादसा देर रात करीब आठ बजे सिमंडी गांव के पास हुआ जब बस ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया और बस सीधी गहरी खाई में गिर गई. बताया जा रहा ही कि बस चालक जल्दी पहुंचने के चक्कर में कच्चे-कच्चे रास्ते से जाने लगा जिसकी वजह से बस फिसल गई जिससे ड्राइवर अपना नियंत्रण खो दिया और बस खाई में गिर गई। यही नहीं हादसे पहले चालक ने किसी दूसरे व्यक्ति को बस चलने के लिए दे दिया था।

दुल्हन के घर से कुछ ही दूरी पर हादसा
बताया जा रहा है कि दुल्हन के घर से दो किमी की दूरी पर ही ये घटना हुई। जिसके बाद इलाके में कोहराम मच गया। बस में सवार लोग जान बचाने के लिए चीख-पुकार करने लगे। जिसके बाद आसपास के लोग भी मौके पर इकट्ठा हो गए।

घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुँच गई, जिसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। इसके लिए आसपास के कई थानों की पुलिस को भी बुलाया गया है। रात के अंधेरे में ही टॉर्च और मोबाइल फोन की रोशनी में बचाव कार्य शुरू किया गया, जिसके बाद एक-एक कर लोगों को बाहर निकाला गया।

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