दस साल बाद हरियाणा में कांग्रेस की वापसी…जानिए किसको कितने मिल रहे सीट

Haryana Exit Poll: हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के नतीजे कल आएंगे। वोटों की गिनती सुबह आठ बजे से शुरू होगी। हरियाणा में 61 प्रतिशत और तीन चरणों में हुए कश्मीर के चुनाव में 63 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। एक्जिट पोल के अनुमान के मुताबिक हरियाणा में कांग्रेस सत्ता में आ सकती है। जम्मू-कश्मीर में इंडिया गठबंधन के सत्ता में आने का अनुमान कुछ सर्वेक्षणों में लगाया गया है, वहीं कुछ एक्जिट पोल सर्वेक्षणों में त्रिशंकु विधानसभा की संभावना से भी इनकार नहीं किया गया है।

मैटराइज सर्वे के अनुसार, कांग्रेस को 55 से 62 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि भाजपा को 18 से 24 सीटें मिल सकती हैं। इसके अलावा जेजेपी गठबंधन को 0 से 3 सीटें, आईएनएलडी गठबंधन को 3 से 6 सीटें और निर्दलीय को 2 से पांच सीट मिलने की संभावना है।

दस साल बाद हरियाणा में सत्ता वापसी के इस संकेत के बाद कांग्रेस जहां उत्साहित है, वहीं, मुख्यमंत्री पद की दौड़ को लेकर खींचतान भी शुरू हो गई है।

जाटों व दलितों की गुटबंदी बनेगी कांग्रेस की जीत की अहम कड़ी
एग्जिट पोल के रुझानों की मानें तो कांग्रेस की सत्ता वापसी में जाट, सिख, मुस्लिम और दलित वोटों की गुटबंदी का अहम रोल रहेगा। ओबीसी व सामान्य वर्ग का कुछ वोट भी कांग्रेस के हिस्से में आ सकता है। पिछले चुनावों की गलतियों से सीखते हुए कांग्रेस ने शुरुआत से ही पार्टी को 36 बिरादरी (हरियाणा की सभी जातियां) के रूप पेश किया।

कांग्रेस की सबसे बड़ी ताकत जाट वोटों का लामबंद होना है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने खुद को मजबूत जाट नेता दिखाकर इस वोट बैंक को क्षेत्रीय दलों में बंटने नहीं दिया। चुनाव से 48 घंटे पहले भाजपा के दलित नेता अशोक तंवर को शामिल कर कांग्रेस ने भाजपा के दलित कार्ड की रणनीति को भी परास्त करने की कोशिश की।

अग्निवीर और पहलवान आंदोलन से बीजेपी को हुआ नुकसान
किसान व पहलवान आंदोलन और अग्निवीर की योजना को लेकर भाजपा के खिलाफ जो नाराजगी थी, कांग्रेस को उसका भी फायदा मिलता दिख रहा है। एग्जिट पोल से उत्साहित भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा- लोगों ने उनकी सरकार की उपलब्धियों और भाजपा की विफलताओं को देखते हुए कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया है।

जम्मू-कश्मीर में भी दिख रहा कांग्रेस का जादू
इंडिया टुडे-सी वोटर के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन को बड़ी बढ़त मिल सकती है। सर्वे के अनुसार, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस को 40 से 48 सीटें, भाजपा को 37 से 32 सीटें, पीडीपी को 6 से 12 और अन्य के खातों में 6 से 11 सीटें जा सकती हैं।

उम्मीद पर कायम है भाजपा
एग्जिट पोल को दरकिनार करते हुए भाजपा अब भी उम्मीद पर कायम है। उसकी उम्मीद का आधार ओबीसी, सामान्य वर्ग और सरकार का लाभार्थी वोट बैंक है। पार्टी का कहना है कि यदि सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर होती तो मत प्रतिशत में बढ़ोतरी होती, लेकिन इस बार मतदान प्रतिशत में करीब एक फीसदी की गिरावट है।

भाजपा के कैडर वोट के घर से नहीं निकलने के दावे पर पार्टी का कहना है कि इस बार पार्टी कार्यकर्ता ने 2019 के चुनाव से ज्यादा मेहनत की है। पार्टी का बूथ मैनेजमेंट कामयाब रहा है। पार्टी का दावा है कि 30 से ज्यादा ऐसी सीटें हैं, जहां भाजपा व कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। इन सीटों पर जीत हार का अंतर बहुत कम रहेगा और कुछ भी उलटफेर हो सकता है।

8 अक्टूबर को जारी होगा रिजल्ट
बता दें कि जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर तीन चरणों में मतदान हुआ था, जबकि हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों के लिए एक चरण में शनिवार को वोटिंग हुई है। दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।

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