युवाओ में तेज़ी से फ़ैल रहा फैटी लिवर, आज से शुरू करें ये एक्सरसाइज
Health Tips: लिवर हमारे शरीर का सबसे अहम अंग है जो शरीर में कई जरूरी काम करता है। ऐसे में हेल्दी रहने के लिए लिवर का हेल्दी रहना बेहद जरूरी है। फैटी लिवर की बीमारी घेर रही है और लिवर फंक्शन खराब हो रहा है तो रोजाना इन एक्सरसाइज को करना शुरू कर दें।
Fatty Liver Disease: आज के मॉडर्न लाइफस्टाइल में जहां शरीर पर कई प्रकार के केमिकल और हैवी मेटल का असर रहता है, ये लिवर पर दबाव बनाते हैं। इसी के साथ जंक, प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड मिलकर फैटी लिवर (Fatty Liver) को न्योता देते हैं। फैटी लिवर डिसीज की समस्या इन दिनों काफी सारे लोगों को परेशान कर रही है। अगर किसी को फैटी लिवर की समस्या हो गई है तो रिसर्च के मुताबिक सप्ताह में कम से कम 150 मिनट से लेकर 300 मिनट की एक्सरसाइज लिवर में स्टोर हो चुके फैट को खत्म करने में मदद करती है। जानें वो कौन सी एक्सरसाइज हैं जिन्हें करने से फैटी लिवर जैसी समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
एम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 35 प्रतिशत लोगों को फैटी लिवर डिजीज है.
क्या है फैटी लिवर?
लिवर की सेल्स पर जब फैट इकट्ठा होने लगता है तो शरीर पर इसके कई प्रकार के इन्फ्लेमेटरी प्रभाव देखने को मिलते हैं, इस स्थिति को फैटी लिवर कहते हैं। ये फैट का कारण डाइटरी फैट की तुलना में वे रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट अधिक होते हैं जो सोडा, कैंडी, मैदा, बेकरी प्रोडक्ट में पाए जाते हैं। फैटी लिवर एक्स्ट्रा इंसुलिन का संकेत है।
एरोबिक एक्सरसाइज़
जैसे कि तेज चलना, साइकिल चलाना, तैराकी, जॉगिंग, नृत्य, और टीम खेल. ये एक्सरसाइज़ लिवर की चर्बी कम करती हैं और लिवर फ़ंक्शन को बेहतर बनाती हैं.
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग
जैसे कि वेट लिफ़्टिंग या बॉडीवेट एक्सरसाइज़. ये एक्सरसाइज़ मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाती हैं और मांसपेशियों को मज़बूत बनाती हैं.
योग
योग से शरीर में ब्लड फ़्लो बेहतर होता है और तनाव कम होता है. पवनमुक्तासन और भुजंगासन जैसे योगासन लिवर को मज़बूत करने में मदद करते हैं.
पैदल चलना
रोज़ाना कम से कम 30 मिनट पैदल चलने से शरीर की चर्बी कम होती है और लिवर पर दबाव कम पड़ता है.
स्ट्रेचिंग
स्ट्रेचिंग से शरीर के लचीलेपन और ब्लड फ़्लो में सुधार होता है. इससे लिवर को ज़रूरी पोषक तत्व और ऑक्सीजन मिलती है.सलिए अपने बॉडी और रूटीन के मुताबिक वर्कआउट को प्रिफर करना चाहिए।
इसका मकसद सिर्फ़ जानकारी देना है. स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह या जांच के लिए, किसी पेशेवर डॉक्टर से बात करें. जनरेटिव एआई की सुविधा फ़िलहाल एक्सपेरिमेंट के तौर पर उपलब्ध है.