‘हर समस्या का हल युद्ध नहीं’…रूस-यूक्रेन वॉर पर PM Modi ने दिया बड़ा सन्देश
BRICS Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी BRICS समिट में शामिल होने के लिए मंगलावर को रूस के कजान शहर पहुंचे। यहां उन्होंने रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ द्विपक्षीय बातचीत की। इस दौरान उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बात की। पीएम मोदी ने कहा कि रूस के साथ हमारे ऐतिहासिक संबंध हैं। हमारी गहरी मित्रता है। हमारे संबंध और मजबूत होंगे। पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन को ब्रिक्स सम्मेलन को लेकर बधाई दी।
PM मोदी पिछले 4 महीनों में दूसरी बार रूस गए हैं। इससे पहले जब वे जुलाई में रूस गए थे तो उन्होंने पुतिन को सलाह दी थी कि बम-बंदुकों और गोलियों से शांति संभव नहीं है। इसके बाद वे यूक्रेन दौरे पर भी गए थे। जहां उन्होंने जेलेंस्की से कहा था “मैंने पुतिन से आंख में आंख मिलाकर कहा था कि ये जंग का समय नहीं है।”
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं रूस की मित्रता, गर्मजोशी भरे स्वागत और आतिथ्य के लिए हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए कजान जैसे खूबसूरत शहर में आने का अवसर मिलना मेरे लिए बहुत खुशी की बात है। कजान में भारत के नए वाणिज्य दूतावास के खुलने से दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे। पिछले 3 महीनों में मेरा दो बार रूस आना हमारे करीबी समन्वय और गहरी मित्रता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में BRICS की सफलता के लिए मैं आपको बधाई देता हूं। 15 वर्षों में BRICS ने अपनी विशेष पहचान बनाई है और अब विश्व के सफल देश इससे जुड़ना चाहते हैं। मैं BRICS सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए उत्सुक हूं।
इससे पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि मुझे याद है कि जुलाई में हमारी मुलाकात हुई थी और कई मुद्दों पर हमारी बहुत अच्छी चर्चा हुई थी। हम कई बार टेलीफोन पर भी बात कर चुके हैं। कजान आने का निमंत्रण स्वीकार करने के लिए मैं आपका बहुत आभारी हूं। आज हम ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में भाग लेंगे और उसके बाद रात्रिभोज करेंगे।
उन्होंने कहा कि आज होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान अन्य नेताओं के साथ मिलकर हमें कुछ बहुत महत्वपूर्ण निर्णय लेने चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतर सरकारी आयोग की अगली बैठक 12 दिसंबर को नई दिल्ली में होने वाली है। हमारी परियोजनाएं लगातार विकसित हो रही हैं। आपने कजान में भारतीय वाणिज्य दूतावास खोलने का फैसला किया है। हम इसका स्वागत करते हैं। भारत की नीतियों से हमारे सहयोग को फायदा होगा। हमें आपको और आपके प्रतिनिधिमंडल को रूस में देखकर बहुत खुशी हुई।
यह भी पढ़ें…