चुनाव से पहले शरद पवार ने दिए सन्यास के संकेत… कहा- समाजकारण नहीं छोडूंगा

Sharad Pawar: महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां बढ़ी हुई हैं। तो वहीं चुनाव से पहले एनसीपी नेता शरद पवार ने राजनीति से संन्यास का संकेत दे दिया है। दरअसल, 84 साल की उम्र में भी शरद पवार सक्रिय राजनीति में बने हुए हैं। हाल ही में शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने उनके रिटायरमेंट को लेकर सवाल उठाए थे। मंगलवार को शरद पवार ने राजनीति से रिटायरमेंट के संकेत देते हुए कहा कि अब नए लोगों को चुनकर आना चाहिए।

महाराष्ट्र की राजनीति में इस बयान को लेकर चर्चाएं गर्म हैं।शरद पावर ने कहा कि मैं अब कोई चुनाव नहीं लड़ना चाहता। मैं अब तक 14 बार चुनाव लड़ चुका हूं। आखिरकार कहीं न कहीं तो रुकना होगा। मुझे अब सत्ता नहीं चाहिए। मैं अब बस समाल की भलाई के लिए काम करना चाहता हूं।

चुनावी जनसभा में कही ये बात
शरद पवार ने हाल ही में बारामती दौरे के दौरान अपने रिटायरमेंट से जुड़ा यह बयान दिया। पवार ने कहा कि मैं अभी सत्ता में नहीं हूं। राज्यसभा सदस्य के तौर पर सेवाएं दे रहा हूं। मेरे पास अब भी डेढ़ साल का समय बाकी है। इसके बाद मैं सोचूंगा कि फिर से राज्यसभा जाऊं या नहीं। मैं अब लोकसभा चुनाव नहीं लडूंगा। दूसरा भी कोई चुनाव नहीं लडूंगा।

अजित पवार ने रिटायरमेंट को लेकर उठाए थे सवाल
शरद पवार के भतीजे अजित पवार पहले भी उनके रिटायरमेंट पर सवाल उठा चुके हैं। इस साल की शुरुआत में अजित ने उम्र को लेकर शरद पवार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि इस उम्र में उन्हें घर में आराम करना चाहिए। इस पर शरद पवार ने पलटवार किया था। लेकिन अब शरद पवार के ताजा बयान ने इन चर्चाओं को और हवा दे दी है।

लोगों की सेवा और काम करता रहूंगा
एनसीपी प्रमुख ने आगे कहा,’अब तक 14 बार लड़ चुका हूं और आप लोगों ने एक बार भी मुझे घर नहीं भेजा. हर बार चुनकर दिया. इसलिए कहीं तो रुकना पड़ेगा. नई पीढ़ी को सामने लाना पड़ेगा. यह सूत्र लेकर मैं काम पर लगा हूं. इसका अर्थ मैंने समाजकारण नहीं छोड़ा है. लेकिन सत्ता नहीं चाहिए. लोगों की सेवा और काम करता रहूंगा.

20 नवंबर को होगी महाराष्ट्र में वोटिंग
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को चुनाव होने हैं, जबकि सभी 288 सीटों पर मतगणना 23 नवंबर को होगी. बता दें कि 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 सीटें, शिवसेना ने 56 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं. जबकि 2014 में भाजपा ने 122 सीटें, शिवसेना ने 63 और कांग्रेस ने 42 सीटें हासिल की थीं.

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