‘बटोंगे तो कटोगे’ बयान पर अकबरुद्दीन ओवैसी का बड़ा हमला, योगी-मोदी को बताया अपना दुश्मन

Maharashtra News: महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपना दुश्मन बताया.

ओवैसी ने शहरों के नाम बदलने को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि क्या नाम के बदलने से रोजी-रोटी मिल जाएगी, क्या नाम के बदलने से किसानों की खुदकुशी रूक जाएगी, क्या नाम के बदलने से पानी की प्यास बुझ जाएगी. क्या नाम के बदलने से बीमार को दवा मिल जाएगी, उन्होंने कहा कि काम करो.

योगी और मोदी को बताया अपना दुश्मन
ओवैसी ने आगे लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं तो खुला बोल रहा हूं कि मैं मोदी-योगी का दुश्मन हूं. यही नहीं इसी बयान में ओवैसी ने आगे कहा कि सुना है चुनाव प्रचार के लिए योगी आदित्यनाथ आने वाले हैं. योगी और नरेंद्र मोदी आपके आने के बाद अकबर भी आने वाले हैं. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि 20 तारीख को सिर्फ पतंग-पतंग.

‘बटोंगे तो कटोगे’ पर अकबरुद्दीन ने दिया ये जवाब
“योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में कहा कि बंटोगे तो कटोगे, लोग उसकी बुराई कर रहे हैं, लेकिन मैं ये कहूंगा कि मॉब लिन्चिंग के नाम पर, बीफ के नाम पर, घर वापसी के नाम पर, सर पर टोपी पहनने के नाम पर, दाढ़ी के नाम पर जो आप काट रहे हैं, क्या ये आपकी नफरत हिंदुस्तान को कमजोर नहीं कर रही है. अगर आप हिंदू-मुसलमान को लड़ाओगे तो क्या ये मुल्क को कमजोर नहीं कर रहा है.”

ओवैसी का कहना था, “मैं कलमा पढ़ने वाला मुसलमान कह रहा हूं, मोदी और योगी जितना आपका हिंदुस्तान है, उतना मेरा भी हिंदुस्तान है. योगी ने कहा कि जात-पात की सियासत नहीं करनी चाहिए, आप ये क्यों नहीं कहते कि मजहब की सियासत नहीं करनी चाहिए. हिंदुस्तान में जुल्म का शिकार अगर कोई है तो वो मुसलमान है, दलित है. ये मुल्क जितना तिलक लगाने वाले का है, सिर पर पगड़ी बांधने वाले का है, उतना ही दाढ़ी रखने वाले और सिर पर टोपी पहनने वाले का भी है.”

पार्टियों की गारंटी पर अकबरुद्दीन ने उठाए सवाल
अकबरुद्दीन ने अपनी स्पीच में महाराष्ट्र के प्रमुख नेताओं को चुनौती दी और पूछा कि क्या शरद पवार, अजित पवार, उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे जैसे नेता चुनाव के बाद उनकी वफादारी की गारंटी दे सकते हैं। उन्होंने पूछा, “क्या शरद पवार यह आश्वासन देंगे कि वे चुनाव के बाद पीएम मोदी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे?

औवेसी बोले- क्या अजित पवार वोटों की गिनती के बाद शरद पवार के पास वापस न लौटने का वादा कर सकते हैं? क्या उद्धव ठाकरे यह गारंटी देंगे कि वे भाजपा में फिर से शामिल नहीं होंगे? और, क्या एकनाथ शिंदे चुनाव के बाद ठाकरे गुट से दूर रहने की कसम खा सकते हैं?”

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