
‘समय के साथ चलें नहीं तो हो जाएंगे पिछलग्गू’…दीक्षांत समारोह में बोले सीएम योगी
Allahabad University Convocation 2024: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को अपने एक दिवसीय प्रयागराज दौरे पर हैं। यहां वह महाकुंभ 2025 की तैयारियों का जायजा लेंगे। साथ ही महाकुंभ के लिए 238 करोड़ से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे। अपने दौरे के दौरान सीएम योगी इलाहाबाद विश्वविद्यालय के 136वें दीक्षांत समारोह में भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यहां बतौर मुख्य अतिथि बुलाया गया था। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने प्रख्यात कवि कुमार विश्वास को विवि की ओर से मानद उपाधि प्रदान की। साथ ही विभिन्न मेधावियों को मेडल देकर सम्मानित किया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के विभिन्न छात्र-छात्राओं उपाधियां प्रदान की। सीएम ने छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ‘दीक्षांत’ केवल दीक्षा का अंत नहीं है, बल्कि एक नए जीवन की नूतन शुरुआत है। विश्वविद्यालय की सराहना में उन्होंने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय का समाज के हर क्षेत्र में योगदान रहा है।
हर क्षेत्र में इस विश्वविद्यालय महती भूमिका है
सीएम योगी ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय की एक गौरवशाली परंपरा रही है। न्याय पालिका में सुप्रीम कोर्ट से लेकर जिला न्यायालय तक इलाहाबाद विश्वविद्यालय से निकले छात्र सेवा दे रहे हैं। सार्वजनिक जीवन से लेकर विज्ञान, राजनीति, साहित्य. कला, शिक्षा हर क्षेत्र में यहां के छात्र आज देश का नाम रोशन कर रहे हैं। विश्वविद्यालय अपना पुरातन गौरव को प्राप्त करने के लिए जिस तरह से आगे बढ़ रहा है। इससे वह दिन दूर नहीं जब वह अपने इस लक्ष्य को जरूर प्राप्त करेगा।
समय के साथ चलें नहीं तो हो जाएंगे पिछलग्गू
उन्होंने आगे कहा कि हमें समय के साथ चलने की जरूरत है। जो समय के साथ नहीं चलता है समय उसको समाप्त कर देता है। इसलिए विवि को चाहिए कि वह अपने छात्रों को समय की गति से दस कदम आगे चलने के लिए तैयार करे ताकि छात्र समय की चुनौतियों का सामना करते हुए देश को आगे बढ़ाने का कार्य कर सकें। समय के साथ चलेंगे तो समाज, देश और दुनिया हम सबका अनुसरण करेगी नहीं तो हम पिछलग्गू बनकर ही रह जाएंगे। इलाहाबाद की यह खासियत है कि यहां जो जिस भाव से आता है वह वैसा ही बन जाता है।
सीएम योगी ने की छात्र संघ बहाली की वकालत
उन्होंने यह भी कहा कि समाजवादी के नाम पर परिवारवाद की चाटुकारिता करने वाले यह बताएं कि क्या एक परिवार की चाटुकारिता ही समाजवादी आंदोलन है। उन्होंने छात्र संघ के मुद्दे पर कहा कि छात्र संघ चुनाव में शिरकत करने के लिए अधिकतम आयु निर्धारित होनी चाहिए। सीधे तौर पर पर ना सही लेकिन उन्होंने विश्वविद्यालय में छात्र संघ बहाली की वकालत की।
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