Congress का सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव… इन दलों ने जताई सहमति

Congress to Move No Confidence Motion: इंडिया ब्लॉक राज्यसभा में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, ‘इंडिया’ ब्लॉक के नेताओं ने राज्यसभा के सभापति के खिलाफ नो-कॉन्फिडेंस मोशन लाने का निर्णय लिया है। विपक्षी नेताओं का दावा है कि अब तक इस पर 50 से ज्यादा सांसदों ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। ‘इंडिया’ ब्लॉक की सभी पार्टियों ने इस अविश्वास प्रस्ताव पर सहमति जताई है और जल्द ही इसे राज्यसभा में प्रस्तुत किया जा सकता है।

विपक्ष का आरोप है कि हमारे सांसदों को पर्याप्त मौका नहीं दिया जाता है। उन्हें अनसुना भी कर दिया जाता है। इससे पहले भी विपक्ष धनखड़ पर उच्च सदन में सत्तारूढ़ सदस्यों के प्रति पक्षपातपूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाते रहे हैं।

सभापति पर लगा पक्षपात का आरोप
दरअसल, संसद के शीतकालीन सत्र के दोनों सदनों की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है। विपक्षी सांसदों की ओर से बार-बार सभापति पर पक्षपात करने का आरोप लगाया जाता रहा है। विपक्ष ने उन पर सदन में पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करने का आरोप लगाया है। विपक्षी पार्टियां संविधान के अनुच्छेद 67(बी) के तहत अविश्वास प्रस्ताव पेश करेंगी। सूत्रों के मुताबिक, टीएमसी, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी समेत इंडिया गठबंधन की सभी पार्टियों ने अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में अपने हस्ताक्षर कर दिए हैं।

सदन में चर्चा को लेकर हुई थी बैठक
दिन में तीन बार स्थगित होने के बाद, दोपहर 3 बजे राज्य सभा की कार्यवाही फिर से शुरू हुई, जिसमें सभापति धनखड़ ने सदस्यों को सदन के नेता और विपक्ष के नेता के बीच अपने कक्ष में हुई बैठक के बारे में जानकारी दी. जगदीप धनखड़ बोले, “उस बैठक का मकसद यह सुनिश्चित करना था कि सदन सुचारू रूप से चले. दोनों पक्षों ने खुलकर चर्चा की और उन्होंने दो बातों का संकेत दिया. पहला, राष्ट्र की अखंडता और संप्रभुता हमारे लिए पवित्र है. हम देश के भीतर या बाहर किसी भी ताकत को हमारी एकता, हमारी अखंडता और हमारी संप्रभुता को अपमानित करने की इजाजत नहीं दे सकते.”

कल फिर होगी बैठक
उन्होंने कहा कि नेताओं ने चर्चा जारी रखने के लिए मंगलवार (10 दिसंबर 2024) को सुबह 10:30 बजे उनके कक्ष में फिर से मिलने पर सहमति दी है. सभापति धनखड़ ने सदस्यों से अपनी संवैधानिक शपथ को बनाए रखने और राष्ट्रीय अखंडता को प्राथमिकता देने की अपील की. ​​उन्होंने कहा, “राष्ट्र की एकता और अखंडता को अंदर या बाहर से किसी भी चुनौती के लिए हम सभी को एकजुट होकर चुनौती देने की आवश्यकता है. यह हमारे अस्तित्व के लिए एक चुनौती है.”

सामूहिक जिम्मेदारी पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, “हम एक राष्ट्र के रूप में दुष्ट ताकतों, भारत के प्रति शत्रुतापूर्ण ताकतों से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं… एक गहरी ताकत जो उभर रही है, उसे हम सभी की ओर से बेअसर करने की दरकार है.”

यह भी पढ़ें…

PM Modi का बीमा सखी सौगात… 10वीं पास बहनों को 7000 की मासिक सहायता

राजनीतिक तापमान को बढ़ा रहा अडानी मुद्दा… हंगामे के भेंट चढ़ी सदन की कार्यवाही

राज्यसभा में नोटों की गड्डियां मिलने पर मचा बवाल…सरकार ने विपक्ष पर उठाये सवाल

Back to top button