अतुल सुभाष केस में ससुराल वालों पर एक्शन, पत्नी के खिलाफ दर्ज FIR

Atul Subhash News: अतुल सुभाष के भाई बिकास कुमार की तरफ से दर्ज कराई शिकायत के आधार पर 4 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।

Atul Subhash News: प्रतिष्ठित आईटी कंपनी में कार्यरत सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष आत्महत्या के में बेंगलुरू पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है। इसमें निकिता सिंघानिया, उनकी मां निशा सिंघानिया, भाई अनुराग सिंघानिया और अंकल सुशील सिंघानिया का नाम शामिल है। सुसाइड से पहले अतुल ने एक वीडियो और 24 पन्नों के सुसाइड के जरिए आरोप लगाए थे कि उनकी पत्नी और ससुराल वालों ने उन्हें और उनके परिजनों को कानून का गलत तरीके से इस्तेमाल कर प्रताड़ित किया। उन्होंने इसे ही आत्महत्या करने की वजह बताया है। अब पुलिस ने अतुल की पत्नी समेत उनके ससुराल वालों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

लंबा सुसाइड नोट

पुलिस ने बताया कि बेंगलुरु की एक निजी कंपनी में काम करने वाले अतुल सुभाष ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उसने शादी के बाद जारी तनाव और उसके खिलाफ दर्ज कई मामलों तथा उसकी पत्नी, उसके रिश्तेदार एवं उत्तर प्रदेश के एक न्यायाधीश द्वारा प्रताड़ित किए जाने का विस्तृत विवरण दिया है। पुलिस ने बताया कि सुभाष का शव मंजूनाथ लेआउट क्षेत्र में स्थित उनके आवास पर फंदे से लटका मिला। उनके कमरे में एक तख्ती भी लटकी मिली जिसमें लिखा था ‘न्याय मिलना बाकी’ है।

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, बेंगलुरू की मराठाहल्ली पुलिस ने मृतक अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, पत्नी के भाई अनुराग संघानिय और चाचा सुशील सिंघानिया के खिलाफ FIR दर्ज की है। पुलिस ने इस मामले में सख्त एक्शन लेने की बात कहते हुए जांच शुरू कर दी है।

लड़कों की कहीं सुनवाई नहीं…

बरखा त्रेहन ने जोर देते हुए कहा कि 34 साल का अतुल सुभाष… उसे कितना मजबूर कर दिया गया. सिस्टम फेल रहा. किस तरह से पक्षपात होता है सिस्टम में. सिर्फ लड़कियों की सुनवाई होती है, लड़कों की कहीं सुनवाई नहीं होती है. दरअसल, पत्नी की प्रताड़ना से परेशान होकर एआई इंजीनियर अतुल ने पहले 90 मिनट का वीडियो बनाया, 24 पन्ने का सुसाइड नोट लिखा फिर अपना जीवन समाप्त कर लिया. उनका केस जौनपुर में चल रहा था जहां ससुराल वाले रहते थे. अतुल मूल रूप से बिहार के थे.

बता दें कि अतुल सुभाष ने आत्महत्या के पहले डेढ़ घंटे का एक वीडियो बनाया, जिसमें उन्होंने उन सभी परिस्थितियों का जिक्र किया, जिसके कारण उन्हें यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा।

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