जिगरी सचिन की कांबली ने दिल खोलकर की तारीफ, मन को छू लेंगी बातें
Vinod Kambli: सचिन तेंदुलकर और उनके बचपन के दोस्त विनोद कांबली का हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उनकी हालत काफी खराब दिख रही थी। अब कांबली ने अपने जीवन में सचिन के योगदान पर बात की है।
Vinod Kambli-Sachin Tendulkar: सचिन तेंदुलकर के बचपन के दोस्त विनोद कांबली को लेकर जब बात होगी तो ये 10 कमबैक उनकी कहानी को बयां करने के लिए काफी है। सचिन से ज्यादा प्रतिभाशाली माने जाने वाले कांबली को टीम इंडिया से काफी ज्यादा अंदर-बाहर होना पड़ा। फिर समय ऐसा आया कि कांबली हमेशा के लिए टीम से बाहर हो गए और फिर संन्यास ले लिया। हाल ही में उनका एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें कांबली की स्थिति काफी खराब देखने को मिली। वह सचिन तेंदुलकर से मिले और फिर उनका वीडियो चर्चा में आ गया। इसके बाद कांबली का एक इंटरव्यू सामने आया है जिसमें उन्होंने खुलकर अपने बारे में बात की है।
कांबली ने हाल ही में विकी लालवानी को इंटरव्यू दिया है और अपनी स्थिति के बारे में बताया है। कांबली ने बताया है कि उनको यूरिन इंस्पेक्शन है जिसके कारण उनकी तबीयत बिगड़ गई है। बीते एक महीने से वह इससे परेशान हैं।
सचिन से दोस्ती पर क्या बोले?
कांबली ने बताया, ‘एक समय मेरे दिमाग में यह बात आई कि सचिन ने मेरी मदद नहीं की. मैं बेहद निराश था. लेकिन सचिन ने मेरे लिए सब कुछ किया. उन्होंने 2013 में मेरी दो सर्जरी का खर्च भी उठाया. हमने बात की और बचपन की दोस्ती सामने आई.’ सचिन तेंदुलकर को लेकर कांबली की यह बातें दोनों की गहरी दोस्ती बयां करती हैं.
कांबली ने आगे कहा, ‘सचिन ने मुझे बताया कि कैसे खेलना है. मैंने 9 बार कमबैक किया. हम क्रिकेटर हैं; हमें हर्ट भी होते हैं. जब हम आउट होते हैं, तो भी हमें बुरा लगता है.’ अपने क्रिकेट के सफर में आए उतार-चढ़ाव को स्वीकार करते हुए कांबली ने यादें ताजा की. उन्होंने कहा, ‘वानखेड़े में दोहरा शतक, मैं हमेशा याद रखूंगा. आचरेकर सर मेरे साथ थे और हमारी टीम बहुत अच्छी थी. मैं मुथैया मुरलीधरन और हमारे दूसरे विरोधियों के साथ मजेदार लड़ाइयां लड़ा करता था. मेरा सफर परफेक्ट नहीं था, लेकिन मैंने अपना सब कुछ दिया. मैं अपने परिवार और सचिन जैसे दोस्तों के समर्थन के लिए आभारी हूं.’
कांबली ने अपने करियर में 104 वनडे और 17 टेस्ट मैच खेले. इन मैचेज़ में उन्होंने 2477 और 1084 रन बनाए. कांबली ने वनडे में दो, जबकि टेस्ट में चार शतक मारे. उन्होंने वनडे में 14 पचासे लगाए, जबकि टेस्ट में उनके नाम तीन पचासे रहे. कांबली ने टेस्ट में दो दोहरे शतक भी लगाए थे. अपने पहले सात टेस्ट मैच में ही इन्होंनो दो दोहरे शतक और दो शतक मार दिए थे.