PM म्यूजियम से सोनिया गाँधी ने उड़ाया नेहरू से जुड़े दस्तावेज, PMML ने लिखा राहुल को चिट्ठी

प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय (पीएमएमएल) सोसाइटी के सदस्य रिजवान कादरी ने लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को लेटर लिखा गया है, जिसमें उनसे नेहरू से जुड़े डॉक्यूमेंट्स वापस करने की मांग की गई है।

PMML सोसाइटी के सदस्य रिजवान कादरी ने सोमवार को कहा कि 2008 में UPA कार्यकाल में 51 बक्सों में भरकर नेहरू के पर्सनल लेटर सोनिया गांधी के पास पहुंचाए गए थे। या तो सभी लेटर वापस किए जाएं या फिर इन्हें स्कैन करने की इजाजत दी जाए, क्योंकि ये डॉक्यूमेंट्स पहले ही PM म्यूजियम का हिस्सा थे।

इससे पहले सोनिया गांधी भेजा जा चूका है पत्र
रिजवान कादरी ने कहा, सितंबर 2024 में मैंने सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा था जिसमें अनुरोध किया गया था कि लगभग आठ अलग-अलग खंडों से 51 कार्टून, जो प्रधानमंत्री संग्रहालय (पूर्व में नेहरू मेमोरियल) में नेहरू संग्रह का हिस्सा थे, या तो संस्थान को वापस कर दिए जाएं या हमें उन्हें स्कैन करने की अनुमति दी जाए या उनकी स्कैन की गई प्रतियां प्रदान की जाएं। इससे हमें उनका अध्ययन करने और विभिन्न विद्वानों द्वारा शोध करने में सुविधा होगी।

उन्होंने कहा, “इनमें पंडित जवाहरलाल नेहरू और लेडी माउंटबेटन के बीच हुए महत्वपूर्ण पत्राचार के साथ-साथ पंडित गोविंद बल्लभ पंत, जयप्रकाश नारायण और अन्य के साथ आदान-प्रदान किए गए पत्र भी शामिल हैं। ये पत्र भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और सोनिया गांधी के निर्देश पर 2008 में संग्रहालय से निकाले गए अभिलेखों से यह साबित हो चुका है।

कादरी ने यह भी बताया कि सोनिया गांधी से कोई जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने इस संबंध में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को एक और पत्र लिखा।

अब कादरी ने लिखा राहुल गांधी को पत्र
कादरी ने कहा, चूंकि उनसे कोई जवाब नहीं मिला, इसलिए मैंने विपक्ष के नेता राहुल गांधी से इन सामग्रियों को वापस लाने में मदद करने का अनुरोध किया है। मैंने उनसे यह भी आग्रह किया है कि वे इस बात पर विचार करें कि ये दस्तावेज देश की विरासत का हिस्सा हैं और इसके इतिहास का एक महत्वपूर्ण पहलू हैं। जब तक हम इन सामग्रियों को नहीं देख लेते, तब तक हम उनके वापस लिए जाने के कारणों का पता नहीं लगा सकते हैं। उन्हें हटाए जाने के पीछे कुछ आपत्तिजनक सामग्री रही होगी।

ऐतिहासिक हैं पंडित नेहरू के ये पत्र
पंडित नेहरू के ये निजी पत्र बेहद ऐतिहासिक माने जाते हैं। पहले ये पत्र जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल के पास थे, जिन्हें साल 1971 में नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी को दिए गए। अब इसी नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी को प्रधानमंत्री मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के रूप में जाना जाता है। जिन पत्रों की मांग की गई है, उनमें पंडित नेहरू और एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, जयप्रकाश नारायण, पद्मजा नायडू, विजय लक्ष्मी पंडित, अरुणा आसफ अली, बाबू जगजीवन राम और गोविंद वल्लभ पंत आदि महान विभूतियों के बीच हुई बातचीत और पत्राचार शामिल हैं।

संबित पात्रा ने उठाए सवाल
भाजपा सांसद ने कहा, मेरे लिए यह जानना दिलचस्प है कि नेहरू जी ने एडविना माउंटबेटन को क्या लिखा होगा जिसे सेंसर करने की जरूरत पड़ी और क्या नेता प्रतिपक्ष राहुल नेहरू और एडविना के बीच हुए पत्रों को वापस लाने में मदद करेंगे!

नई दिल्ली में तीन मूर्ति परिसर में स्थित नेहरू संग्रहालय स्मारक एवं पुस्तकालय प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक निवास था और इसे उनकी स्मृति में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्थान के रूप में स्थापित किया गया था।

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