मंदिर-मस्जिद विवाद पर RSS चीफ का बड़ा बयान…दिया सद्भावना का सन्देश
Mohan Bhagwat: उत्तर प्रदेश में हाल ही के दिनों में मंदिर-मस्जिद विवाद के बढ़ते मामलों को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा और सख्त बयान दिया है. भागवत ने मंदिर-मस्जिद विवादों के फिर से उठने पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि “राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोगों को लगता है वो नई जगह पर ऐसे मुद्दों को उठाकर हिंदुओं के नेता बन सकते हैं.. ये स्वीकार्य नहीं है..”
मोहन भागवत ने सहजीवन व्याख्यानमाला में भारत-विश्वगुरु विषय पर बृहस्पतिवार को व्याख्यान दिया. इसमें उन्होंने समावेशी समाज की वकालत की और कहा कि दुनिया को यह दिखाने की जरूरत है कि देश सद्भावना के साथ एक साथ रह सकता है. उन्होंने कहा कि दूसरों के देवताओं का अपमान करना हमारी संस्कृति नहीं है.
अंग्रेजों ने डाली फूट
संघ प्रमुख भागवत ने कहा कि मुगल बादशाह औरंगजेब का शासन भी इसी तरह की कट्टरता के लिए जाना जाता था, हालांकि उसके वंशज बहादुर शाह जफर ने 1857 में गोहत्या पर प्रतिबंध लगा दिया था. उन्होंने कहा, “यह तय हुआ था कि अयोध्या में राम मंदिर हिंदुओं को दिया जाना चाहिए, लेकिन अंग्रेजों को इसकी भनक लग गई और उन्होंने दोनों समुदायों के बीच दरार पैदा कर दी. तब से, अलगाववाद की भावना अस्तित्व में आई. परिणामस्वरूप, पाकिस्तान अस्तित्व में आया.”
अपमान करना हमारी संस्कृति नहीं
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उग्रवाद, आक्रामकता, बल प्रयोग और दूसरों के देवताओं का अपमान करना हमारी संस्कृति नहीं है। भागवत ने समावेशी भारत की बात की। उन्होंने कहा कि यहां कोई बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक नहीं है; हम सब एक हैं। इस देश में सभी को अपनी पूजा पद्धति का पालन करने में सक्षम होना चाहिए। भागवत ने आगे कहा कि भारत को दुनिया के लिए एक मिसाल बनना चाहिए। हमें दिखाना चाहिए कि विवादों से दूर रहकर कैसे अलग-अलग धर्म और विचारधाराएं साथ रह सकती हैं।
हालिया यूपी में सामने आए ये मामले
हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश में मंदिर-मस्जिद विवादों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जिससे सामाजिक और राजनीतिक माहौल गर्माया हुआ है. ये विवाद खासकर धार्मिक स्थलों के स्वामित्व और उनके ऐतिहासिक महत्व को लेकर उठ रहे हैं. प्रमुख मामलों की बात करें तो:
- ज्ञानवापी मस्जिद विवाद (वाराणसी)
वाराणसी का ज्ञानवापी मस्जिद मामला सबसे चर्चित रहा है. हिंदू पक्ष का दावा है कि यह मस्जिद काशी विश्वनाथ मंदिर के ऊपर बनाई गई थी. मस्जिद
के वजूखाने में शिवलिंग मिलने का दावा इस विवाद को और गहरा कर चुका है. - कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद (मथुरा)
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद का विवाद भी पुराना है. हिंदू संगठनों का कहना है कि मस्जिद मंदिर की भूमि पर बनाई गई थी.
इस मामले को लेकर अदालतों में याचिकाएं भी दायर की गई हैं.
हमें अपनी गलतियों से सीखना चाहिए
भागवत ने कहा कि भारतीयों को अपनी गलतियों से सीखना चाहिए। उन्हें भारत को विश्व के लिए एक आदर्श बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें विवादित मुद्दों से बचकर समावेशिता का उदाहरण पेश करना चाहिए। राम मंदिर आस्था का विषय था और हिंदुओं को लगता था कि इसका निर्माण होना चाहिए। नफरत और दुश्मनी से कुछ नए स्थलों के बारे में मुद्दे उठाना अस्वीकार्य है। भागवत ने कहा कि समाज में तनाव कम करने का उपाय प्राचीन संस्कृति की ओर लौटना है।
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