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लोग काम करने से बच रहे… चुनाव से पहले मुफ्त की रेवड़ियों पर भड़का सुप्रीम कोर्ट
Supreme Court: चुनाव से पहले मुफ्त योजनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने जमकर नाराजगी जाहिर की है। शीर्ष न्यायालय का कहना है कि फ्रीबीज की वजह से लोग काम करने को तैयार नहीं है।
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पार्टियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि चुनावों के दौरान मुफ्त की स्कीमों की घोषणा किए जाने के कारण लोग काम करने से बच रहे हैं और देश के विकास में हिस्सा नहीं ले रहे हैं. जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि, “दुर्भाग्य की बात है कि मुफ्त में मिलने वाली चीजों के कारण…. लोग काम करने से बचने लगे हैं. उन्हें मुफ्त में राशन मिल रहा है. उन्हें बिना कुछ काम किए ही पैसे मिल रहे हैं.”
सुप्रीम कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी
सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि ‘मुफ्त वाली योजनाओं के चलते लोग काम नहीं करना चाहते। उन्हें मुफ्त राशन मिल रहा है और उन्हें बिना कोई काम किए पैसे मिल रहे हैं।’ याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने पीठ को बताया कि सरकार ने शहरी इलाकों में आश्रय स्थल की योजना को बीते कुछ वर्षों से फंड देना बंद कर दिया है। इसके चलते इन सर्दियों में 750 से ज्यादा बेघर लोग ठंड से मर गए। याचिकाकर्ता ने कहा कि गरीब लोग सरकार की प्राथमिकता में ही नहीं हैं और सिर्फ अमीरों की चिंता की जा रही है। इस टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि अदालत में राजनीतिक बयानबाजी की इजाजत नहीं दी जाएगी।
बेंच ने कहा, ‘हम उनके प्रति आपकी चिंता को समझते हैं, लेकिन क्या यह बेहतर नहीं होगा कि वह भी समाज की मुख्यधारा से जुड़ें और उन्हें भी देश के विकास में योगदान का मौका मिले।’ अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि ने पीठ को बताया कि केंद्र सरकार शहरी गरीबी उन्मूलन मिशन को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है, जिसके तहत शहरी क्षेत्रों में बेघरों के लिए आश्रय की व्यवस्था समेत विभिन्न मुद्दों का समाधान किया जाएगा।