
Mahakumbh में भारतीय रेलवे की प्रदर्शनी विरासत और विकास का अनूठा उदाहरण
Mahakumbh Mela 2025: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ-2025 डबल इंजन सरकार के विरासत और विकास के प्रतिमान का एक सफल उदाहरण बनता जा रहा है। भारतीय रेलवे भी इसी क्रम में महाकुंभ में जहां एक ओर सफल भीड़ प्रबंधन और रिकॉर्ड मेला स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, वहीं दूसरी ओर मेला क्षेत्र में लगी रेलवे की प्रदर्शनी भारतीय रेलवे में विरासत और विकास के प्रतिमानों को प्रदर्शित कर रही है।
महाकुंभ में लगी रेलवे की प्रदर्शनी में चिनाब और पंबन ब्रिज के मॉडल प्रदर्शित किए गए हैं, तो वहीं रेलवे की आधुनिकतम तकनीक से युक्त नमो भारत, अमृत भारत और वंदे भारत की स्लीपर ट्रेन के बारे में आमजन को बताया जा रहा है। इसके साथ ही भारतीय रेलवे के देश के युद्ध और महत्वपूर्ण अवसरों पर किए गए योगदान को प्रदर्शित किया गया है।
भारतीय रेलवे न केवल देश के यातायात की लाइफ लाइन है, बल्कि देश की सांस्कृतिक विविधता को एक सूत्र में बांधने का कार्य करती है। भारतीय रेलवे देश को कश्मीर से कन्याकुमारी तक और गुजरात से अरुणाचल प्रदेश तक जोड़ने का कार्य करती है। यहीं नहीं डबल इंजन सरकार के विरासत और विकास के ध्येय की सबसे बड़ी वाहक भारतीय रेलवे है। जिसका प्रदर्शन महाकुंभ में लगी रेलवे की प्रदर्शनी में किया गया है।
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महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर-1 में लगी रेलवे की प्रदर्शनी में देश की आधुनिकतम तकनीक से बने चिनाब और पंबन ब्रिज के मॉडल का प्रदर्शन किया गया है। जम्मू-कश्मीर में बना चिनाब ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है। चिनाब नदी पर बने रेल ब्रिज की ऊंचाई नदी तल से 359 मीटर है, जो फ्रांस के एफिल टॉवर से भी 35 मीटर अधिक है। दूसरी ओर रामेश्वरम को जोड़ने वाला पंबन ब्रिज, पूर्णतः स्वचालित वर्टिकल लिफ्ट स्पैन देश का ऐसा पहला समुद्री रेल पुल है। इसको भी प्रदर्शनी में शामिल किया गया है।
भारतीय रेलवे की प्रदर्शनी में मोदी सरकार की ओर से देश को दी जा रही आधुनिकतम तकनीक युक्त ट्रेनें अमृत भारत, नमो भारत और वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों की जानकारी दी जा रही है। अमृत भारत ट्रेन जहां सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन है तो वहीं नमो भारत देश की पहली ईएमयू ट्रेन है, जो केवल 40 मिनट में मेरठ से अशोक नगर की दूरी तय करेगी।
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इसके साथ ही रेलवे प्रदर्शनी में 1965, 1971 और कारगिल युद्ध के दौरान रेलवे की सेवाओं के बारे में बताया गया है। साथ ही डबल इंजन सरकार के सनातन आस्था के तीर्थस्थलों तक श्रद्धालुओं की पहुंच को सुलभ बनाने वाली ट्रेनों के बारे में बताया जा रहा है। भारतीय रेलवे ने महाकुंभ क्षेत्र में तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए अस्थायी टिकट घरों के साथ इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड के साथ पूछताछ कक्ष और बहुभाषी अनाउंसमेंट की भी व्यवस्था की है। इसको भी प्रदर्शनी में जगह मिली है।
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