शव को वेंटिलेटर पर रखकर वसूली, अस्‍पताल का लाइसेंस रद्द

Lucknow News: लखनऊ के केजीएमयू से शिफ्ट किए गए मरीज की एमजे अस्पताल में इलाज के दौरान मौत पर मदेयगंज पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। अब कोर्ट के आदेश पर अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया।

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक शर्मनाक मामला सामने आया है। बीते साल नवंबर में एक दलालों के झांसे में आकर महिला ने अपने बीमार पति को केजीएमयू से निकालकर प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया। महिला का आरोप है कि 24 घंटे में 1 लाख 60 हजार रुपए ऐंठे। अनट्रेंड स्टाफ से ऑक्सीजन की हैवीडोज लगाई और गलत इंजेक्शन लगाए जिसकी वजह से पति की मौत हो गई। मृतक की पत्नी के आरोपों के बाद कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई की गई और अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया।

जानकारी के मुताबिक, गोलागंज निवासी आलम को पेट में दर्द होने पर घरवालों ने 13 नवंबर 2024 को केजीएमयू में भर्ती करवाया था। आलम की पत्नी मुस्कान अली ने तहरीर में बताया है कि केजीएमयू में मिले दलालों ने कम पैसों में अच्छे इलाज का झांसा देकर उनके पति को एमजे अस्पताल में भर्ती करवा दिया।

आरोप है कि अस्पताल में बिल बनाने के लिए मरीज को बिना जरूरत ऑक्सिजन की हैवी डोज दी गई और गलत इंजेक्शन भी लगाया गया। 15 नवंबर की दोपहर करीब 2:30 बजे मरीज की मौत हो गई, लेकिन इसके इसके बाद भी वेंटिलेटर पर रखकर डेढ़ लाख रुपये वसूले गए।

पीड़िता का आरोप है कि मदेयगंज थाने में शिकायत पर भी पुलिस ने अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो सीएमओ ऑफिस में शिकायत की। जांच शुरू होने पर अस्पताल संचालक डॉ. जुनैद, कॉर्डियोलॉजिस्ट मो. जफर, पवन, डॉ. जावेद और दूसरे स्टाफ सीएमओ दफ्तर में बयान देने नहीं पहुंचे।

इसके बाद सीएमओ ने एमजे अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया, लेकिन आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर पीड़िता ने कोर्ट में गुहार लगाई थी। थाना प्रभारी राजेश सिंह ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर कर मामले की जांच की जा रही है।

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