
Boycott Turkey: अब तुर्की से भी भारत के व्यापार सम्बंध पर रोक…किन किन चीजों पर पड़ेगा असर ?
Boycott Turkey: पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद से भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए एक-दूसरे पर हमले किए। फिर पता चला कि लड़ाई में तुर्की ने पकिसान का साथ दिया।
Boycott Turkey: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के चलते, तुर्की ने पाकिस्तान का साथ दिया था। इसके बाद से ही भारत में कई जगहों पर तुर्की का बहिष्कार (Boycott Tukey) करने की मांग उठ रही है। पुणे में व्यापारियों ने तुर्की के सेबों का बहिष्कार (Ban Turkey) किया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार आने वाले समय में भारत में तुर्की से आने वाले अन्य सामानों पर पाबंदी लगाई जा सकती है। फिलहाल भारत में तुर्की की बहुत सी डिशें भी हैं, जो काफी पसंद की जाती हैं। इस बायकॉट के बाद होटलों में भी इनकी मांग पर असर पड़ सकता है। जानिए अभी भारत में तुर्की से क्या-क्या सामान आता है।
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के सेब खरीद रहे लोग
कृषि उपज बाजार समिति (APMC) में सेब के व्यापारी सुयोग झेंडे ने बताया कि तुर्की के सेबों की मांग बहुत कम हो गई है। उन्होंने बताया कि हमने तुर्की से सेब खरीदना बंद करने का फैसला किया है। अब हम हिमाचल, उत्तराखंड, ईरान और दूसरे जगहों से सेब खरीद रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्की से हर साल लगभग एक लाख 29 हजार 882 मीट्रिक टन सेब का आयात किया जाता है। पुणे के व्यापारियों ने तुर्की से सेब नहीं लेने का ऐलान किया है।यह फैसला देशभक्ति दिखाने और देश को समर्थन देने के लिए है।
भारत में तुर्की का सामान
भारत में बड़े पैमाने पर मार्बल तुर्की से लाया जाता है। भारत में आयात होने वाले मार्बल का 70 फीसदी तुर्की से ही लाया जाता है। इसके अलावा, भारत में तुर्की से कालीन, फर्नीचर, हाथ से बने सजावटी सामान आते हैं। वहीं, फैब्रिक में सिल्क, लिनन, जैतून का तेल, सूखे मेवे, चेरी, मसाले और हर्बल के कुछ पीने वाले पदार्थ भी मंगाए जाते हैं। इंडस्ट्रियल मशीन, निर्माण उपकरण और कृषि उपकरण भी तुर्की से लाए जाते हैं।
तुर्की से आया ‘शवरमा’
सालों से ‘शवरमा’ दिल्ली के लोगों की पसंद बना हुआ है। यह एक रोल होता है, जिसमें की जाने वाली फिलिंग (चिकन और मटन) को हल्की आंच पर पकाया जाता है। यह एक रोलर में लगा होता है, जिसके नीचें धीमी-धीमी आग जलाई जाती है। इसकी ऊपरी परत को निकाला जाता है और उसे बहुत सी चीजों के साथ मिलाकर एक रोल बना दिया जाता है। एक रोल के दो टुकड़े किए जाते हैं, इसमें चीज और मेयोनेज का मिक्सचर काफी अलग स्वाद देता है।
‘तुर्किश टी’ क्यो हैं फेमस?
अगर इजराइल की तरह ही तुर्की का बायकॉट होता है, तो होटलों में इन डिशों की मांग घटने की संभावना है। ‘तुर्किश टी’ लोगों को लुभाती है, क्योंकि इसे एक कांच के बड़े से ग्लास में सर्व किया जाता है। हालांकि, इसका टेस्ट कुछ खास नहीं होता है, लेकिन यह देखने में काफी अच्छी लगती है, जिसकी वजह से लोग इसे पीना पसंद करते हैं।
कुनाफा और तुर्किश कबाब
तुर्की की स्वीट डिश ‘कुनाफा’ काफी फेमस है। कुनाफा का चलन सोशल मीडिया की वजह से ज्यादा सामने आया है। पिछले कुछ दिनों में ऐसे बहुत से होटल खुले हैं, जहां पर कुनाफा मिलता है। कुनाफा से पहले दिल्ली में तुर्किश कबाब को काफी पसंद किया जाता रहा है। यह कबाब काफी मसालेदार और तीखे होते हैं, जिनका स्वाद अक्सर लोगों को पसंद आता है।
भारत में इन डिशों की ज्यादा मांग है, लेकिन और भी बहुत सी तुर्की के व्यंजन भारते के होटलों में पकाए जाते हैं। भारत में बायकॉट तुर्की की वजह से इन सभी डिशेज की मांग पर असर पड़ने की संभावना है। दिल्ली के शाहीन बाग की बात करें, तो यहां पर ‘तुर्किश टी’, ‘कुनाफा’ और ‘तुर्किश कबाब’ काफी मशहूर हैं। यहां पर लोग दूर-दूर से इनके स्वाद के लिए आते हैं।