
12th Result 2025: वाह रे सरकारी शिक्षा! हरियाणा 12वीं बोर्ड में 18 स्कूलों के सभी स्टूडेंट हुए फेल…
Haryana Board 12th Result: हरियाणा में हाल ही में घोषित हुए कक्षा 12वीं बोर्ड परीक्षा परिणामों ने राज्य के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रदेश के 18 सरकारी स्कूलों में एक भी छात्र पास नहीं हो पाया है, जिससे शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।
Haryana Board 12th Result: हरियाणा बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (HBSE) ने 100 स्कूलों की एक ऐसी लिस्ट जारी की है, जिनका प्रदर्शन इस साल के 12वीं बोर्ड परीक्षा में खराब रहा है. इस लिस्ट में 18 स्कूल ऐसे हैं, जहां से एक भी छात्र 12वीं में पास नहीं हुए. इनमें सबसे अधिक 6 स्कूल नूंह में हैं, जबकि 4 स्कूल फरीदाबाद के हैं.
ये स्कूल उन 100 सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले सरकारी स्कूलों में शामिल हैं, जिनका प्रदर्शन राज्य की कुल 85.7% पास प्रतिशत दर को भी प्रभावित कर रहा है। हरियाणा के 22 जिलों के 82 स्कूल ऐसे हैं, जिनका पास प्रतिशत 35% से भी कम रहा है। इन सभी स्कूलों की रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय और शिक्षा मंत्रालय को भेजी गई है ताकि सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें।
नूंह सबसे चिंताजनक
सबसे चिंताजनक स्थिति नूंह जिले की है, जहां 100 सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाले स्कूलों में से 62 स्कूल हैं। इसके बाद फरीदाबाद का स्थान आता है, जहां 12 स्कूलों ने बेहद खराब प्रदर्शन किया है। इन 18 शून्य परिणाम वाले स्कूलों से कुल 59 छात्रों ने परीक्षा दी थी। इनमें यमुनानगर के हिंदू गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल से सबसे अधिक 23 छात्राएं परीक्षा में शामिल हुई थीं। कुछ स्कूल ऐसे भी थे जहां केवल एक छात्र ने परीक्षा दी। फरीदाबाद के जसाना स्थित नंबदार पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य धीरे सिंह नागर ने बताया कि कई छात्रों की परीक्षा में भागीदारी अंतिम समय पर तय हुई थी या उन्हें समय पर अनुमति नहीं मिली। कई छात्र नियमित रूप से कक्षाओं में नहीं आ रहे थे, जिससे परिणाम प्रभावित हुआ।
6 का अंग्रेजी में कंपार्टमेंट
फरीदाबाद के ही भरत भारती पब्लिक स्कूल, सरन के प्रधानाचार्य राजनीश भारद्वाज ने कहा कि उनके स्कूल से केवल दो छात्र परीक्षा में बैठे थे, परंतु वे भी असफल रहे। नूंह के औठा स्थित सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रधानाचार्य ने बताया कि अंग्रेजी विषय में शिक्षकों की कमी के कारण छात्रों को कठिनाई हुई। उन्होंने बताया कि पीजीटी अंग्रेजी पद पिछले तीन वर्षों से खाली है। हमारे 13 छात्रों में से 6 को अंग्रेजी में कंपार्टमेंट मिला है। यदि ये पास हो जाते, तो पास प्रतिशत 40% के करीब पहुंच सकता था।
टीचर्स ने बताई वजह
शिक्षकों का मानना है कि शिक्षकों की कमी और छात्रों की अनियमित उपस्थिति, दोनों मिलकर इस संकट की मुख्य वजह हैं। उन्होंने कहा कि समय-समय पर इन समस्याओं की रिपोर्ट प्रबंधन सूचना प्रणाली के माध्यम से भेजी जाती रही है, परंतु अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है। उनका यह भी कहना है कि कई विद्यार्थी नियमित रूप से कक्षा में नहीं आते, जिससे मुश्किलें और बढ़ जाती हैं। कई स्कूलों में अंग्रेजी जैसे महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक नहीं हैं। इससे विद्यार्थियों को विषय समझने में परेशानी होती है।