लखनऊ विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस पीएचडी में अब नया विवाद, जाने क्या है मामला

Lucknow University

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय के कम्प्यूटर साइंस विभाग के पीएचडी प्रवेश में एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया। अब नया विवाद पीएचडी की सीट को लेकर हो रहा है।

एलयू की पीएचडी प्रवेश समिति ने अपने विज्ञापन में छह सीट दिखाई हैं। जिसके आधार पर दाखिले होने हैं, लेकिन विभाग की ओर से भेजी गई सूचना में सिर्फ चार सीट ही बताई गई हैं।

कंप्यूटर साइंस पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में विश्वविद्यालय प्रशासन की मिलीभगत से पीएचडी ऑर्डिनेंस 2018 की अनदेखी किए जाने के भी आरोप लग रहे हैं।

जानकार बताते हैं कि पिछले साल एक्सपर्ट के विवाद की वजह से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी प्रक्रिया नहीं हो पाई थी, वही वजह अब भी है। कंप्यूटर साइंस के विषय में दूसरे विषय के एक्सपर्ट भेजे जा रहे है, जो गलत है।

कम्प्यूटर साइंस विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. ब्रजेश सिंह ने बताया कि विभाग की डिपार्टमेंट रिसर्च समिति से सीट मांगी गई थीं। समिति ने चार सीट रजिस्ट्रार को भेजीं, उसके बाद छह सीट कैसे हो गईं। 

वहीं वर्तमान प्रवेश समन्वयक प्रो. पंकज माथुर ने बताया कि यह प्रवेश पुराने हैं, उस समय प्रो. अनिल मिश्रा प्रवेश समन्वयक थे। उनके द्वारा उपलब्ध सूचनाओं के आधार पर ही छह सीट पर प्रवेश लिए जा रहे हैं।

आज होंगे ऑनलाइन साक्षात्कार

अभी तब कम्प्यूटर साइंस विभाग में सत्र 2019-20 के पीएचडी प्रवेश के लिए साक्षात्कार नहीं हो पाए थे। शनिवार सुबह 11 बजे से ऑनलाइन साक्षात्कार कराने जा रहे हैं। इसमें, करीब 18-19 अभ्यर्थियों को बुलाया गया है।

विशेषज्ञों पर भी खड़े हो रहे सवाल

इस साक्षात्कार को कराने के लिए बनाई गई टीम में दो विशेषज्ञ दूसरे विभाग के शामिल किए गए हैं। जिसको लेकर आपत्ति जताई जा रही है। जानकारों की मानें तो 2018 के पीएचडी ऑर्डिनेंस में इस तरह की कोई व्यवस्था न होने के बावजूद इन विशेषज्ञों को बैठाया जा रहा है।

आरोप लग रहे हैं कि प्रशासन में बैठे कुछ अधिकारी इस प्रवेश प्रक्रिया को प्रभावित करना चाहते हैं। इसलिए कंप्यूटर साइंस के विशेषज्ञ शामिल कर दूसरे विभाग के विशेषज्ञों को समिति में शामिल किया गया है।

इसे बताया जा रहा विवाद की वजह

एलयू के शिक्षकों ने बताया कि विभाग के डॉ. पुनीत मिश्रा भौतिक विज्ञान विभाग से पीएचडी हैं। जानकारों की मानें तो, वर्तमान में कम्प्यूटर साइंस में उनकी पीएचडी चल रही है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने जब विभाग से सीट का ब्योरा मांगा तो विभागाध्यक्ष की ओर से इस संबंध में रजिस्ट्रार को पत्र भेजकर दिशा निर्देश मांगे।

इसके आधार पर इनकी दो सीट को शामिल किए बिना चार सीट को प्रवेश के लिए भेज दिया गया था। लेकिन, उस समय की प्रवेश समिति ने इसे बढ़ाकर छह कर दिया। प्रो. अनिल मिश्रा ने पीएचडी लिए  विज्ञापन में छह सीट किस आधार पर दिखाई इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दे रहा है।

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