चाँद पर होगा बड़ा कारनामा, चंद्रयान-3 की सफलता के बाद ISRO रिर्टन मून मिशन की तैयारी

चंद्रयान-3 मिशन की ऐतिहासिक सफलता के बाद अब ISRO रिर्टन मून मिशन (Isro return moon missions) की तैयारी में जुट गया है, जिसके तहत पहली बार चंद्रमा से नमूने देश में लाए जाएंगे. चंद्रमा पर मानव मिशन भेजने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण होगा यह अभियान।

इमेज क्रेडिट: सोशल मीडिया

Chandrayaan-4: चंद्रयान-3 सफलता के बाद अब ISRO रिर्टन मून मिशन (Isro return moon missions) की तैयारी में जुट गया है, जिसके तहत पहली बार चंद्रमा से नमूने देश में लाए जाएंगे. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बताया कि, पिछले साल चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद इसरो देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में अगली छलांग के लिए तैयार है. इसके लिए देश की अंतरिक्ष एजेंसी वापसी चंद्र मिशन पर काम कर रही है, जिसके जरिए चंद्रमा से नमूने पहली बार वापस लाए जाएंगे. सोमनाथ ने बताया कि, इस मिशन के 2027 या 2028 तक उड़ान भरने की उम्मीद है.

अब तक सभी चंद्रयान मिशनों ने पेलोड पर लगे उपकरण का इस्‍तेमाल करके चांद की सतह, मिट्टी और नमूनों का वहीं पर अध्ययन किया है। 23 अगस्त को चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरा था। इसके बाद इसरो ने चांद पर भविष्य के मिशनों की रूपरेखा तैयार करनी शुरू की। जिस स्थान पर विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा था, उसे बाद में शिव शक्ति बिंदु नाम दिया गया था।

ISRO के इस रिर्टन मून मिशन के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि, इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह से नमूने एकत्र करना, चंद्र कक्षा में डॉकिंग और अनडॉकिंग क्षमताओं का प्रदर्शन कर, एक मॉड्यूल से दूसरे मॉड्यूल में नमूनों के स्थानांतरण कर यह सुनिश्चित करना है कि मॉड्यूल सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर फिर से प्रवेश करे और एकत्र किए गए नमूनों को वितरित करे.

अधिकारियों ने बताया कि, इस बार मिशन में पांच मॉड्यूल भी होंगे – प्रोपल्शन मॉड्यूल, डिसेंडर मॉड्यूल, एसेंडर मॉड्यूल, ट्रांसफर मॉड्यूल और री-एंट्री मॉड्यूल, जो इस मिशन को सफल करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे.

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