Paytm के बाद Bharat Pe को झटका, कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय ने दिया नोटिस
Bharat Pe: अशनीर ग्रोवर के यूपीआई ऐप पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. ऑनलाइन UPI पेमेंट ऐप और फिनटेक कंपनी “भारतपे” को कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय ने नया नोटिस भेजा है. जिससे लोगों के मन में UPI को लेकर सवाल उठने लगा है.
ऑनलाइन पेमेंट और बैंकिंग ऐप पेटीएम का विवाद अभी चल ही रहा था कि अब भारत-पे को भी नया नोटिस मिल गया है. ऑनलाइन UPI पेमेंट ऐप और फिनटेक कंपनी भारतपे को कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय ने नया नोटिस जारी है. ऐसे में UPI इस्तेमाल करने वाले लोगों के बीच UPI इस्तेमाल करने को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. सरकार के एक के बाद एक एक्शन से लोगों के मन में शक है कि UPI बंद तो नहीं हो जाएगा? तो आइए ऐसे में आपको बताते हैं सरकार ने ये नोटिस क्यों भेजा है…
क्यों मिला Bharat Pe को नोटिस?
मीडिया सूत्रों के अनुसार, नोटिस में सरकार ने कंपनी से इसके संस्थापक रहे अशनीर ग्रोवर के खिलाफ की गई कानूनी कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी है. कॉर्पोरेट मिनिस्ट्री ने कंपनी से उन सबूतों के बारे में जानकारी मांगी है, जो कंपनी ने अशनीर ग्रोवर के खिलाफ दर्ज कराए आपराधिक मामले में अदालत में जमा किए हैं. बता दें कि यह मामला करीब दो साल से चल रहा है.
क्या है पूरा विवाद?
लगभग चार साल पुरानी कंपनी भारत पे वर्ष 2022 की शुरुआत में ही विवादों में घिर गई थी. उस समय इसके फाउंडर पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने नायका IPO में अलॉटमेंट नहीं मिलने पर अनुचित भाषा का इस्तेमाल किया और कोटक ग्रुप के एक एंप्लॉयी को धमकी भी दी. इस विवाद के बाद अश्नीर ग्रोवर ने भारतपे के मैनेजिंग फाउंडर (MD) के पद से इस्तीफा दे दिया लेकिन कंपनी ने उनकी अगुवाई में जो भी फाइनेंशियल प्रैक्टिसेज हुए थे, उसका फोरेंसिक ऑडिट शुरू कर दिया.
रिपोर्ट्स के अनुसार बाद में कंपनी ने अश्नीर ग्रोवर के खिलाफ एक सिविल केस किया. इसमें फर्जी बिलों के जाल और व्यक्तिगत उपयोग के लिए कंपनी के फंड के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया. फर्जी लेन-देन और फेक वेंडर्स के आरोपों के अलावा कंपनी ने अपने मुकदमे में आरोप लगाया कि अश्नीर ग्रोवर ने भारतपे की टेक्निक या कांसेप्ट में कुछ भी योगदान नहीं दिया. इसमें कहा गया है कि कंपनी के साथ अश्नीर ग्रोवर का जुड़ाव 2018 में शुरू हुआ और उस समय उन्होंने 31,920 रुपए का ‘मामूली’ निवेश किया, जिसके लिए उन्हें 3,192 शेयर मिले.
BharatPe का क्या कहना है?
इसे लेकर फिनटेक कंपनी भारतपे ने एक बयान जारी किया है. कंपनी का कहना है कि रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (ROC) ने लेटर भेजा है जिसमें कुछ अतिरिक्त जानकारियां मांगी गई है. मांगी गई ये जानकारियां चल रही जांच का एक हिस्सा है जो इंटर्नल गवर्नेंस रिव्यू के बाद शुरू हुई थी और जिसे कंपनी ने अपने ऑडिटेड रिजल्ट में सामने लाया था. कंपनी का कहना है कि वह अथॉरिटी के हरसंभव सहयोग कर रही है.