Lok Sabha Election 2024: BJP का राजभर के बहाने पूर्वांचल साधने की कोशिश, सोशल इंजीनियरिंग

लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश हमेशा से बड़ी भूमिका अदा करता आया है. साल 2024 के आम चुनाव में भी इस राज्य की भूमिका इसलिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां से सर्वाधिक 80 लोकसभा सदस्य चुनकर दिल्ली आते हैं. देश को प्रधानमंत्री देने में भी यह राज्य अव्वल आता रहा है. मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी भी यूपी के इसी प्रभाव की वजह से न केवल काशी आए बल्कि 2014 और 2019 चुनावों के बाद वाराणसी सीट पर डटे हुए हैं.

ओम प्रकाश राजभर ने बीजेपी का हाथ थामा (सूत्र-सोशल मीडिया)

ओम प्रकाश राजभर का आधार पूर्वांचल में है और उनके समर्थकों में राजभर समुदाय है. बीजेपी इस बात को जानती है. इसीलिए राजभर जैसे नेता चुनावों के लिए महत्वपूर्ण हो जाते हैं.

ओम प्रकाश राजभर ने बीजेपी का हाथ थामा (सूत्र-सोशल मीडिया)

उत्तर प्रदेश की सियासत 90 के दशक से ओबीसी के इर्द-गिर्द सिमट गई है. 2024 की राजनीतिक बिसात और सियासी गठजोड़ ओबीसी मतदातओं के आधार पर बनाई जा रही है. भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के ओम प्रकाश राजभर हों, अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल हों या फिर निषाद पार्टी के संजय निषाद. ये तीनों दल और इसके नेता इसीलिए महत्वपूर्ण हैं. बीजेपी ने राजभर को इसी वोट के लिए अपने पाले में किया है. यह बात राजनीति के जानकारों के समझ में आ रही है .

ये तीनों दल आज भी अलग-अलग चुनाव लड़ें तो जरूरी नहीं है कि कोई बड़ी राजनीतिक सफलता इनके खाते में आए, लेकिन यही जब बीजेपी के साथ जुड़ जाते हैं, तब अचानक महत्वपूर्ण भी हो जाते हैं और जिताऊ भी. इनके भाजपा के साथ होने का असर राज्य की अन्य सीटों पर भी बरबस पड़ जाता है.

तीन ओबीसी दलों की केमिस्ट्री

राजभर के एनडीए का हिस्सा बनने से अचानक भांति-भांति की चर्चाएं तेज हो गई हैं. राजभर के जिन बयानों को यूपी का एक वर्ग हल्के में लेता है, कई बार मजाक भी बनाता है, उन्हीं बयानों की वजह से राजभर अपने समाज के हीरो हैं. बीजेपी इस बात को जानती है. इसीलिए राजभर जैसे नेता चुनावों के लिए महत्वपूर्ण हो जाते हैं. यही हाल संजय निषाद, अनुप्रिया पटेल का भी है. अनुप्रिया पटेल केंद्र में मंत्री, उनके पति यूपी में मंत्री, संजय निषाद राज्य में काबीना मंत्री, बेटा सांसद. ओम प्रकाश राजभर भी जल्दी ही यूपी कैबिनेट में दिखाई दें तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए, क्योंकि एनडीए का हिस्सा बन चुके हैं और 2024 में चुनावी किस्मत आजमा सकते हैं.

बीजेपी की इन सारी कसरतों के बीच किसान सम्मान निधि, मुफ़्त राशन जैसी सरकारी स्कीम भी 2024 में बड़ी मदद कर सकती हैं. इन योजनाओं का फायदा दलित, ओबीसी, सवर्ण सबको मिला है और लगातार मिल रहा है. इस तरह कहा जा सकता है कि उत्तर प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपना समीकरण बना लिया है .

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