Ameen Sayani: नहीं रहे ‘ग्रैंड ओल्ड मैन’ अमीन सयानी, 91 की उम्र में हार्ट अटैक से गई रेडियो सरताज की जान

‘बिनाका गीतमाला’ के राजा कहे जाने वाले अमीन सयानी अब नहीं रहे। उनका 91 की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। अमीन सयानी ने रेडियो की दुनिया में खूब नाम कमाया है। वह अपनी आत्मकथा लिखना चाहते थे लेकिन उनकी ये इच्छा पूरी न हो सकी।

इमेज क्रेडिट: सोशल मीडिया

भारतीय रेडियो के ग्रैंड ओल्ड मैन कहे जाने वाले अमीन सयानी का निधन हो गया है. वह 91 साल के थे. इस बात की जानकारी उनके बेटे राजिल सयानी ने दी है. उन्होंने बताया कि उनके पिता को एचएन रिलायंस अस्पताल ले जाया गया था,लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. अमीन सयानी का निधन बुधवार को दिल का दौरा पड़ने से हुआ. उनका अंतिम संस्कार गुरुवार को किया जाएगा. अमीन सयानी भारत के पॉपुलर एनाउंसर रहे हैं. उनको लोकप्रियता बिनाका गीतमाला से मिली थी. ये प्रोग्राम रेडियो सिलोन पर आया करता था. उनका बहनो और भाइयो कहने का अंदाज काफी पॉपुलर था. उन्होंने रेडियो पर लगभग 54,000 प्रोग्राम प्रोड्यूस और कम्पेयर किए थे. 19000 स्पॉट/जिंगल में भी उनका आवाज सुनाई दी थी.

बिनाका गीत माला से मिली पहचान

अमीन सयानी देश के ऐसे पहले रेडियो स्टार रहे हैं, जिनका बड़े-बड़े फिल्म स्टार भी सम्मान करते थे। एक जमाना था जब अपने ‘बिनाका गीत माला’ कार्यक्रम के माध्यम से आवाज के इस शहंशाह ने अपने नाम और काम की धूम मचा दी थी। हालांकि, पिछले कुछ बरसों से सयानी की तबियत सही नहीं थी।

बिनाका गीतमाला कब हुआ था शुरू?

बिनाका गीतमाला साल 1952 में शुरू हुआ था. पहले ये प्रोग्राम रेडियो सिलोन पर आता था और उशके बाद ये विविध भारती पर शुरू हुआ. बिनाका गीतमाला का नाम बाद में सिबाका गीतमाला हो गया. ये प्रोग्राम 42 साल तक आया था.

अमीन सयानी की आखिरी इच्छा
गीतमाला’ से अमीन सयानी पहले होस्ट बन गए थे, जिन्होंने म्यूजिक के बारे में अपनी समझ को शो के जरिए जाहिर किया था। इन्होंने अपनी जादूई आवाज से दर्शकों पर सालों राज किया। इनके सामने तो बड़े-बड़े एक्टर्स भी सलाम ठोकते थे। एक बार इनकी मौत की झूठी अफवाह उड़ी थी, जिसके बाद इन्होंने कहा था कि शुक्र है कि मैं जिंदा हूं। इन्होंने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में इच्छा भी जाहिर की थी कि इस दुनिया से जाने से पहले वह अपनी एक आत्मकथा लिखना चाहते हैं। जीवन की तमाम बातें उसमें कहना चाहते हैं, जिससे आने वाली पीढ़ी उस बारे में जान सके।

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