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‘विकसित भारत’ की ओर बढ़ा एक और महत्वपूर्ण कदम… सोल लीडरशिप कॉन्क्लेव में बोलें PM Modi
Soul Leadership Conclave 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारत मंडपम में सोल लीडरशिप कॉन्क्लेव के पहले संस्करण का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने ‘सोल’ को विकसित भारत की यात्रा के लिए अहम माना।
पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए नागरिकों का विकास बहुत महत्वपूर्ण है। विभिन्न क्षेत्रों में नेताओं का विकास भी बहुत महत्वपूर्ण है। सोल लीडरशिप कॉन्क्लेव की स्थापना ‘विकसित भारत’ की यात्रा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बहुत जल्द सोल लीडरशिप कॉन्क्लेव का बड़ा परिसर तैयार हो जाएगा। कुछ आयोजन ऐसे होते हैं, जो हृदय के बहुत करीब होते हैं और आज का यह कार्यक्रम सोल भी ऐसा ही है। राष्ट्र निर्माण के लिए नागरिकों का विकास जरूरी है। व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण, जन से जगत हमारा लक्ष्य है। किसी भी ऊंचाई को प्राप्त करना है, तो आरंभ जन से ही शुरू होता है। हर क्षेत्र में बेहतरीन नेतृत्व का विकास बहुत जरूरी है और समय की मांग है। इसलिए सोल की स्थापना ‘विकसित भारत’ की विकास यात्रा में एक बहुत महत्वपूर्ण और बड़ा कदम है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने एक बार कहा था कि मुझे 100 ऊर्जावान युवा पुरुष और महिलाएं दीजिए, और मैं भारत को बदल दूंगा। स्वामी जी ने गुलामी से मुक्त और परिवर्तित भारत की कल्पना की थी। उनका मानना था कि मजबूत नेताओं का पोषण करके वह न केवल भारत को स्वतंत्र करा सकते हैं बल्कि इसे दुनिया में नंबर एक स्थान पर भी पहुंचा सकते हैं। हमें इस दृष्टिकोण को अपनाना चाहिए और उनके आदर्शों को अपने साथ लेकर जीवन में आगे बढ़ना चाहिए। आज हर भारतीय 21वीं सदी के ‘विकसित भारत’ के लिए दिन-रात काम कर रहा है। ऐसे में 140 करोड़ के देश में भी हर सेक्टर में, हर वर्टिकल में, जीवन के हर पहलू में हमें उत्तम से उत्तम नेतृत्व की जरूरत है।
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पीएम मोदी ने आगे कहा कि प्रगति का लक्ष्य रखने वाले किसी भी देश को न केवल प्राकृतिक संसाधनों बल्कि मानव संसाधनों की भी आवश्यकता होती है। 21वीं सदी में हमें ऐसे संसाधनों की आवश्यकता है जो नवाचार और कौशल को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ा सकें। हर क्षेत्र में कौशल की आवश्यकता होती है और नेतृत्व विकास कोई अपवाद नहीं है। यह नई क्षमताओं की मांग करता है। हमें वैज्ञानिक रूप से नेतृत्व विकास में तेजी लानी चाहिए और सोल इस परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारत एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है और यह गति हर क्षेत्र में तेज हो रही है। इस विकास को बनाए रखने और आगे बढ़ाने के लिए हमें विश्व स्तरीय नेताओं की आवश्यकता है। सोल संस्थान इस परिवर्तन में गेम-चेंजर हो सकते हैं। इस तरह के अंतर्राष्ट्रीय संस्थान सिर्फ एक विकल्प नहीं बल्कि एक आवश्यकता हैं।
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इससे पहले भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेरे बड़े भाई, जब भी मुझे आपसे मिलने का अवसर मिलता है, मैं खुशी से अभिभूत हो जाता हूं। जब भी मैं आपसे मिलता हूं, मुझे एक लोक सेवक के रूप में और भी अधिक मेहनत करने की प्रेरणा मिलती है। सोल लीडरशिप कॉन्क्लेव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिमाग की उपज है और यह प्रामाणिक नेताओं को आगे करने और उन्हें भारत के महान गणराज्य की सेवा करने के लिए सशक्त बनाने की प्रधानमंत्री की अटूट प्रतिबद्धता का एक और प्रमाण है।”
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