वाराणसी में टैटू से फैला HIV!, पॉजिटिव पाए गए 26 युवा..

Viral News: उत्तर प्रदेश के वाराणसी से एक चौका देने वाली खबर सामने आयी है. यहाँ से लगभग 26 युवा एचआईवी संक्रमित पाए गए हैं. आसपास यानी पूर्वांचल में कुल 40 लोग एचआईवी संक्रमति हैं. इस बीच डॉक्टरों ने सलाह दी है कि युवा अपने शरीर में टैटू बनाते समय खास ध्यान रखें. पॉजिटिव पाए जाने के बाद मेडिकल टीम जांच में जुट गई है.

इन दिनों युवाओं को अपने शरीर में टैटू बनवाने का खासा क्रेज है. वाराणसी जिले में 26 लोगों में टैटू बनवाने के बाद एचआईवी संक्रमित होने की आशंका जताई गई है. केस स्टडी और पास्ट हिस्ट्री के आधार पर टैटू बनवाने के बाद एचआईवी संक्रमण की आशंका है. एक ही निडिल से बार-बार टैटू बनाने से संक्रमण का खतरा है. इस बीच, डॉक्टरों की टीम ने सस्ते दुकान और भीड़ वाली जगहों पर टैटू बनवाने से बचने की सलाह दी है.

पूर्वांचल के आजमगढ़, मिर्जापुर और वाराणसी मंडल के दस जिलों में 26,890 एचआईवी संक्रमित हैं. इनमें 50 फीसदी की उम्र 20 से 45 वर्ष के बीच है. 40 लोग ऐसे मिले हैं, जिनको लेकर ये आशंका है कि ये लोग टैटू बनवाने के बाद संक्रमित हो गए हैं.

टैटू बनाने के बाद फैला HIV संक्रमण!

रिपोर्ट्स के अनुसार पता चला कि वाराणसी के 26 लोगों में एचआईवी संक्रमण टैटू बनवाने के बाद हुआ है. वाराणसी के एआरटी सेंटर की सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर प्रीति अग्रवाल ने बताया कि इन 26 एचआईवी पॉजिटिव के केस स्टडी के आधार पर वो इस निष्कर्ष पर पहुंची हैं.

इन 26 लोगों के शरीर पर बना था टैटू

उन्होंने कहा कि एचआईवी संक्रमित के जो तीन प्रमुख कारण हैं, असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित रक्त के चढ़ाने और एक ही निडिल या सिरिंज से नशा इत्यादि लेना है. इन 26 लोगों ने काउन्सलिंग के दौरान बताया कि वो इन तीनों कारण से हीं दूर रहें हैं. तब डॉक्टर का ध्यान उनके शरीर पर बने टैटू पर गया. इन सभी 26 लोगों के शरीर पर टैटू बना था.

लगभग 10 जिलों में बढ़ी HIV संक्रमितों की संख्या

स्वास्थ्य विभाग हर जिले के सरकारी अस्पतालों में एआरटी सेंटर का संचालन करते हैं. यहां एचआईवी संक्रमितों का पंजीकरण होता है, फिर जरूरी जांच और इलाज की व्यवस्था की जाती है. 10 जिले के एआरटी सेंटर की पड़ताल से पता चला कि संक्रमितों की संख्या बढ़ी है.

क्रेडिट-सोशल मीडिया प्लेटफार्म

निडिल के बार-बार इस्तेमाल करने से हो सकता है HIV

डॉक्टरों के मुताबिक, टैटू बनाने वाले गलत सुई का इस्तेमाल कर रहे हैं. जिस सुई से टैटू बनता है, उसके प्रति सुई की कीमत 1200 रुपये होती है. इसके बावजूद चौक-चौराहों पर 200 रुपये में टैटू बना दिया जा रहा है. इसका मतलब है कि सेहत के साथ सीधा खिलवाड़ किया जा रहा. एक सुई का बार-बार इस्तेमाल भी संक्रमण की बड़ी वजह है.

Disclaimer-लाइव न्यू इंडिया इस खबर की पुष्ठी नहीं करता है. साझा की गयी जानकारी अलग अलग मीडिया प्लेटफार्म और सोशल प्लेटफार्म रिपोर्ट्स के आधार पर है.

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