अरविंद केजरीवाल ने चुनाव से पहले क्यों चला इस्तीफे वाला दांव?
Arvind Kejriwal: अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद राजनीतिक पारा गर्म है। माना जा रहा है कि दिल्ली में फरवरी में चुनाव होने हैं। ऐसे में नए मुख्यमंत्री की शासनिक से ज्यादा अहमियत सियासी होगी।
Arvind Kejriwal News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने इस्तीफा देने का ऐलान किया है और जनता से नए जनादेश की मांग की है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के दो दिन बाद आया है। शराब घोटाले में आरोपों के चलते उनकी पार्टी की छवि को नुकसान हुआ है। अगले पांच महीने में उसको चुनावी मोड में ही काम करना होगा। बता दें कि शराब नीति से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामले में शुक्रवार को तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा हुए केजरीवाल ने कहा कि अगले कुछ दिन में वे आप के विधायकों की बैठक करेंगे और उनकी पार्टी के एक सहकर्मी को सीएम चुना जाएगा।
केजरीवाल के इस्तीफे के दो पक्ष
यह फैसला चौंकाने वाला जरूर है, लेकिन अगर गहराई से देखें तो इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है। मीडिया के अलावा, केजरीवाल का यह कदम शायद ही कहीं और सुर्खियां बना पाएगा। एक तरफ तो आम आदमी पार्टी इसे एक ऐसे नेता का फैसला बताएगी जो सत्ता से ज्यादा नैतिकता को अहमियत देता है। दूसरी तरफ, जिस नेता ने 6 महीने पहले जेल जाने पर पद से इस्तीफा नहीं दुया, वो अब नैतिकता की दुहाई नहीं दे सकता।
आतिशी की भी मजबूत दावेदारी
सूत्रों की माने तो आतिशी पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भरोसा करते हैं। उनके पास सरकार में रहने का अनुभव भी है। साथ ही 15 अगस्त पर तिरंगा फहराने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हीं का नाम आगे किया था। तिहाड़ जेल में जाने के बाद दिल्ली सरकार से जुड़े सभी फीडबैक भी केजरीवाल ने आतिशी से लिया था। ऐसे में मुख्यमंत्री की नजर में आतिशी भी एक प्रमुख दावेदार हो सकती हैं। इसके अलावा सौरभ भारद्वाज का नाम भी चर्चा में है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा देने के लिए दो दिन का समय मांगा है। सूत्रों का कहना है कि नया सीएम बनने से नेताओं के भीतर खींचतान हो सकती है। इसे रोकने के लिए दो दिन में पार्टी नेतृत्व अपने नेताओं से सहमति बनाएगा। हालांकि, मंत्री आतिशी ने कहा कि सोमवार को भी छुट्टी है। ऐसे में मुख्यमंत्री मंगलवार इस्तीफा देंगे।