अरविंदर सिंह लवली ने छोड़ा हाथ का साथ, कई कांग्रेसी हुए BJP में शामिल

अरविंदर सिंह लवली ने थामा बीजेपी का दामन। रविवार 28 अप्रैल को दिल्ली कांग्रेस प्रमुख का पद छोड़ने के बाद उन्होंने कहा था कि वह कहीं नहीं जा रहे हैं। उन्होंने सिर्फ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है। हालांकि, एक सप्ताह के अंदर उनका फैसला बदल गया।

दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद अब अरविंदर सिंह लवली ने भाजपा का दामन थाम लिया है। उनके साथ कांग्रेस नेता राजकुमार चौहान, अमित मलिक, तीन बार के विधायक रहे नसीब सिंह और नीरज बैसोया ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया है। बता दें कि अरविंदर सिंह ने बीते दिनों ही कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। उन्होंने प्रभारी दीपक बाबरिया और उम्मीदवार उदिर राज, कन्हैया कुमार पर गंभीर आरोप लगाए थे। अरविंदर सिंह के इस्तीफा देने के बाद से ही यह अटकलें शुरू हो गईं थी कि वह जल्द ही भाजपा में जा सकते हैं, लेकिन आज उनके बीजेपी में जाते ही उन सभी अटकलों पर विराम लग गया है।

बीजेपी में शामिल होने के बाद लवली ने कहा “दिल्ली में सात आठ सालों से जो माहौल बना है, उसे खत्म करने और दिल्ली में बीजेपी का परचम लहराने में योगदान देंगे। हमें बीजेपी के बैनर और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में दिल्ली के लोगों के लिए लड़ने का मौका मिला है। मुझे पूरा यकीन है और इसमें कोई संदेह नहीं है कि देश में भारी बहुमत के साथ बीजेपी की सरकार बन रही है। आने वाले समय में दिल्ली में भी बीजेपी का झंडा लहराएगा।”

अमित मलिक भी बीजेपी में शामिल
अरविंदर सिंह लवली के प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ने के बाद कांग्रेस के दो अन्य नेताओं ने इस्तीफा दिया था। पूर्व विधायक नीरज बसोया और नसीब सिंह ने दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन पर आपत्ति जताते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इन दोनों नेताओं के साथ राजकुमार चौहान और अमित मलिक भी बीजेपी में शामिल हो चुके हैं।

क्यों छोड़ गए थे कांग्रेस..
यह बात सही है कि अरविंदर सिंह लवली ने चार पन्नों के लेटर में दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) से हुए गठबंधन को अपने इस्तीफा का कारण बताया है. लवली का कहना है कि आम आदमी पार्टी कांग्रेस पर इल्जाम लगाकर बनी थी, फिर उससे अलायंस कैसे हो सकता है. लेकिन इसके अलावा भी कई कारण थे. लवली ने DPCC में किसी सीनियर नियुक्ति करने की इजाजत नहीं दी है.

लवली के मुताबिक अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति के बाद से, AICC महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने उन्हें DPCC में कोई भी वरिष्ठ नियुक्ति करने की इजाजत नहीं दी है. डीपीसीसी के मीडिया चीफ के रूप में जिस नेता की नियुक्ति का आवेदन उन्होंने किया था, उसे अस्वीकार कर दिया गया. AICC सेक्रेटरी (दिल्ली प्रभारी) ने डीपीसीसी को सभी ब्लॉक प्रमुखों की नियुक्ति करने की इजाजत नहीं दी.

कांग्रेस की प्रतिक्रिया
अरविंदर सिंह लवली के बीजेपी में शामिल होने पर दिल्ली कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा “कुछ लोगो की फितरत ऐसी होती है कि जब बाप को सबसे ज्यादा जरूरत होती है, तो बेटा सबसे ज्यादा परेशान करता है। कांग्रेस ने अरविंदर सिंह लवली को बेटे की तरह माना। कांग्रेस ने अरविंदर सिंह लवली को सब कुछ दिया। आज अरविंदर लवली ने अपना किरदार दिखा दिया। कांग्रेस बहुत बड़ा समुद्र है।”

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